फर्रुखाबाद:(ब्यूरो) जिले में डग्गामारीं करने का व्यापार कोई नया नही है खाकी और खादी के गठजोड़ से व्यापार सदा ही फलता-फूलता रहा है| कोई घटना होनें पर अफसर दो चार दिन हाथ पैर मारकर इतिश्री कर लेते है और फिर से शुरू हो जाता है जिले में नेशनल परमिट के नाम पर डग्गामारी का खेल| कई बार बड़े-बड़े हादसे हुए शासन, सरकार और प्रशासन ने कसमे खाकर कहा कि अब डबल डेकर बसे सड़क पर संचालित नही होंगी इसके बाद भी कुछ दिन बाद गाँधी जी नें सब सामान्य कर दिया और सड़क पर फिर शुरू हुआ मौत का खेल| जिसका परिणाम कन्नौज बस हादसे के बाद गयी जानों से लगाया जा सकता है| अब हर जिम्मेदार अपनी सम्वेदना व्यक्त करेगा लेकिन क्या इससे मृतक के परिजनों को उनका व्यक्ति वापस मिल जायेगा|
दरअसल शहर में लाल दरवाजे कादरी गेट और रोडबेज बस अड्डे के पास या यूँ कहिये की सामने ही डग्गामारों के काउन्टर सजते है| लेकिन जिससे रोडबेज के राजस्व को तो चूना लगता ही है साथ ही डबल डेकर बसों से मौत का सफर भी कराया जाता है| यह सब दो नम्बर में होते हुए भी एक नम्बर में चलता है|
बीते 13 जून 2018 को मैनपुरी करहल थाना क्षेत्र के गांव कीरतपुर के पास अनियंत्रित होकर विमल चतुर्वेदी बस सर्विस की बस (मान) स्लीपर कोच पलट गयी थी| इस हादसे में 18 यात्रियों की मौत हो गई थी जबकि 32 घायल हो गए। मरने वालों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद व कन्नौज जिले के थे| घटना के बाद सरकार ने कड़ा रुख अपनाया और खुद तत्कालीन परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने जेएनआई को बताया था कि डबल डेकर बसों के संचालन पर रोंक लगायी जायेगी| इसके बाद अधिकारियों नें अपने नम्बर बढ़ाने के लिए कुछ दिन डबल डेकर बसों पर कहर बरपाया| दर्जनों बसों को पुलिस लाइन में जमा करा दिया गया|
लेकिन खाकी और खादी की फिर जुगलबंदी हुई और बस माफिया की डग्गामार बसों संचालन फिर से शुरू हो गया|
सूत्र बताते है है कि एक बड़े बस माफिया की ससुराल एक सत्ताधारी माननीय के मोहल्ले में है जिस कारण उसका रुआब भी कम नही है| और उसकी जुगाड भी जल्द हो जाती है| सो उसकी डग्गामारी नेशनल परमिट होनें के बाद भी कौन रोंक लेगा| आईटीआई से बड़े वाहनों की नो एंट्री है लेकिन इन बसों को कोई नही रोंकता| सड़क पर खुलेआम कानून की खिल्ली उड़ाकर डग्गामारी की टिकटें बिक्री होती है| एक बस कर्मी नें बताया कि कुछ नही होता सबका हिस्सा फिक्स है| क्या करोगे छापो कुछ नही होगा|
रातों-रात गायब हुए डग्गामारों के काउंटर
जैसे ही खबर जनपद में आयी की कन्नौज में एक डबल डेकर बस में ट्रक से भिंडत के बाद आग लग गयी|तो लाल गेट और कादरी गेट पर लगे डग्गामार बसों के काउन्टर-बोर्ड भी रातों रात गायब हो गये| अब अधिकारी अपनी बचाने में लगा है|
ट्राफिक इंचार्ज देवेश कुमार नें बताया कि डबल डेकर बसों के पास नेशनल परमिट होता है| वह एक जगह से सबारी भरकर दूसरी जगह पर ले जाते है बीच में सबारी भरने की कोई अनुमति नही होती है| यदि डग्गामारी होती पायी गयी कार्यवाही की जायेगी|
पीटीओ बीके आनन्द नें बताया कि नेशनल परमिट सभी बड़ी गाड़ियों का होता है| लेकिन रास्ते में चालक अपने निजी स्वार्थ के चलते सबारियां भर लेते है| जो हादसे को दावत देते है| परिवहन के साथ चलना और उसे चेक करना सम्भवन नही है| यदि कोई डग्गामारी करता है तो कार्यवाही की जायेगी|