फर्रुखाबाद: भूमि विवाद के मामले में बिना किसी ठोस सबूत के महिला को कोर्ट में पेश करने के मामले में कोर्ट सख्त हो गया| कोर्ट नें तत्काल महिला को छोड़ने के आदेश जारी करने के साथ ही साथी विवेचक घोडा नखास चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्यवाही के लिए एसपी व पुलिस उप महानिरीक्षक को लिखने के आदेश दिये है| जिससे चौकी इंचार्ज पर कार्यवाही की तलवार लटक गयी है| महिला की पैरवी अधिवक्ता डॉ० दीपक द्विवेदी नें की|
शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला जटवारा जदीद निवासी सत्यम आर्य पुत्र द्वारिका आर्य नें कोतवाली में मुकदमा 27 सितम्बर को दर्ज कराया था| जिसमे उनका आरोप था कि उनके चाचा गया प्रसाद आर्य नें फर्जी अभिलेखों की मदद से उनके मोहल्ले में ही पड़ी पैत्रक भूमि को मोहल्ला गढ़ी अब्दुल मजीद खां निवासी नेहा दिवाकर पत्नी मनोज दिवाकर को बिक्री कर दी| पुलिस नें मामले में 420, 457, 468, 471, 188 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया| जाँच घोड़ा नखास चौकी इंचार्ज भानू प्रकाश को दी गयी|
विवेचक नें मामले में प्लाट खरीदने वाली महिला नेहा को न्यायालय में पेश किया और 14 दिन की रिमांड स्वीकृत करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया| लेकिन पुलिस की तरफ से आरोपी बनायी गयी महिला नेहा दिवाकर की तरफ से अधिवक्ता डॉ० दीपक द्विवेदी नें अपनी दलील पेश की| जिसके तहत विवेचंक आरोप से सम्बन्धित अभिलेख कोर्ट में पेश
नही कर सके| जिससे कोर्ट नें महिला नेहा की रिमांड को निरस्त कर विवेचक भानू प्रकाश के की कड़ी फटकार लगा दी| कोर्ट नें समस्त बिन्दुओं पर गहनता से मंथन करने के पश्चात ही रिमांड अस्वीकृत कर दिया| गलत तरह से जांच करने के मामले में कोर्ट नें मना की अभियुक्त को गलत तरह से बिना पर्याप्त सबूतों के पेश किया गया| कोर्ट ने विवेचक पर कार्यवाही के लिए पुलिस अधीक्षक व पुलिस उपमहानिरीक्षक को आदेश की प्रति भेजने के आदेश दिये|