गोरखपुर:गोरखपुर जिला जेल में बवाल करने वाले बंदियों ने जेल अधिकारियों को जान से मारने की धमकी दी है। इस कारण अधिकारी जेल के अंदर नहीं जा रहे हैं। अधिकारी कार्यालय में ही अपना कामकाज निपटा रहे हैं। कुछ बंदीरक्षकों ने भी बंदियों से खुद की जान का खतरा बताया है। बवाल के दौरान बीच-बचाव की कोशिश वाले आदर्श कैदी (राइटर) घटना के दूसरे दिन अनहोनी की आशंका में सोने के लिए बैरक में नहीं गए। मिलेनियम बैरक में ही रात बिताई। डीजी कारागार आनंद कुमार ने स्थिति पर नजर रखने के लिए डीआइजी जेल बीपी त्रिपाठी को गोरखपुर भेजा है।
बवाल करने वाले बंदियों की बदली जाएगी जेल
इस बीच जिला कारागार में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। जेल प्रशासन बवाल करने वाले बंदियों को चिह्नित कर दूसरे जेल में शिफ्ट करने की तैयारी में है। डीआइजी जेल बीपी त्रिपाठी शनिवार पूरे दिन जेल में मौजूद रहे। घटना से जुड़े सभी पहलुओं पर छानबीन करने के बाद अधिकारियों को इसकी जानकारी देते रहे। शुक्रवार को बवाल करने वाले बंदियों ने जेल अधिकारियों को जान से मारने की धमकी दी थी। यही वजह है कि अधिकारी जेल के अंदर नहीं जा रहे हैं। बवाल के दौरान बीच-बचाव की कोशिश वाले आदर्श कैदी (राइटर) घटना के दूसरे दिन अनहोनी की आशंका में सोने के लिए बैरक में नहीं गए।
कैमरे टूटने से नहीं मिल रही गतिविधि की जानकारी
शुक्रवार को बवाल के दौरान बंदियों ने बैरक के आसपास लगे सीसी कैमरे तोड़ दिए। इस वजह से बंदियों की गतिविधि की जानकारी जेल प्रशासन को नहीं हो पा रही है। डर की वजह से बंदीरक्षक भी सर्किल के अंदर नहीं जा रहे हैं। अंदर की खबर आदर्श कैदी (राइटर) बता रहे हैं।जेल की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। बंदियों की दिनचर्या सामान्य हो गई है। नुकसान का आकलन चल रहा है। शुक्रवार को बंदियों ने जो शिकायत की थी, उसकी जांच कराई जा रही है। – डॉ. रामधनी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक
21 बंदियों ने रची थी साजिश
21 बंदियों ने जेल में बवाल की साजिश रची थी। मुकदमा दर्ज कराने के बाद जेल प्रशासन ने शनिवार को उन्हें हाई सिक्योरिटी बैरक में डाल दिया। जांच करने पहुंचे अधिकारियों ने दूसरे बंदियों के बयान दर्ज किए। साथ ही उन्हें समझाया कि किसी के उकसाने पर उपद्रव न करें। बैरक नंबर 10 में हत्या, लूट अन्य गंभीर अपराध में बंद कुछ बदमाशों ने जेल में अपना गैंग बना लिया है। जेल प्रशासन पर हावी होने के लिए आए दिन जेल में बवाल करते हैं। बंदियों में खौफ पैदा करने के लिए उन्होंने गुरुवार को पेशी पर आए बंदी को कचहरी लॉकअप में पीटा था। जानकारी होने पर जेल प्रशासन ने सख्ती की तो योजना के तहत बवाल शुरू कर दिया। उनके उकसाने पर दूसरे बंदी भी बवाल में शामिल हो गए।
2016 में 121 बंदियों ने किया था बवाल
13 अक्टूबर 2016 को जेल में बवाल करने वाले 13 नामजद और सैकड़ों अज्ञात बंदियों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने 121 लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ चार्जशीट फाइल की। कार्रवाई में देरी की वजह से बवाल में शामिल अधिकांश बंदियों को जमानत मिल गई थी।सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड है करतूत
जेल में बवाल शुरू करने वाले बंदियों की करतूत सीसी कैमरे में रिकार्ड है। बवाल बढऩे पर आरोपितों ने कैमरे तोड़ दिए। शुरू के आधे घंटे में हुई घटना रिकार्ड हो गई। जेल प्रशासन ने सीसी कैमरे का डीवीआर सुरक्षित कर लिया है। फुटेज की मदद से आरोपितों को चिह्नित किया जाएगा।