वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऑटो इंडस्ट्री में मंदी के लिए टैक्सी एग्रीगेटर ओला और उबर को जिम्मेदार ठहरा रही हैं. वहीं मोदी सरकार के कृषि मंत्रालय ने हाल ही में एक ऐसा ऐप लॉन्च किया है जो ओला और उबर की तरह काम कर रहा है.इस खास ऐप से किसान अब ओला-उबर की तर्ज पर खेती के लिए ट्रैक्टर समेत अन्य उपकरण मंगा सकते हैं. हालांकि इसके लिए किसान को किराया भी देना होगा. आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में…
दरअसल, हाल ही में कृषि मंत्रालय की ओर से ‘CHC Farm Machinery’ ऐप लॉन्च किया गया है. इस ऐप पर किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर्स (CHCs) के जरिए खेती से जुड़ी मशीन मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए 35 हजार कस्टम हायरिंग सेंटर्स देशभर में बनाए जा चुके हैं, जिनकी क्षमता 2.5 लाख कृषि उपकरण सालाना किराये पर देने की है.
कैसे काम करता है ऐप
कृषि मंत्रालय का ‘CHC Farm Machinery’ ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. यह ऐप अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, नेपाली, कन्नड, मराठी, बंगाली समेत 12 अलग-अलग लैंग्वेज में मौजूद है. इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद आपको लैंग्वेज सेलेक्ट करना होगा. इसके अगले स्टेप में आपको दो कैटेगरी- CHC/ सर्विस प्रोवाइडर और किसान/उपयोगकर्ता दिखेंगे. इसमें किसान/उपयोगकर्ता कैटेगरी को सेलेक्टर कर रजिस्ट्रेशन करना होगा.
इसके लिए किसान को नाम, पता और मोबाइल नंबर समेत अन्य जरूरी जानकारियां देनी होगी. इसके बाद के स्टेप में डैशबोर्ड खुल जाएगा. इस डैशबोर्ड में ‘कृषि यंत्र की बुकिंग’ समेत 7 अलग-अलग कैटेगरी है. ‘कृषि यंत्र की बुकिंग’ की कैटेगरी को सेलेक्ट करने के बाद एक नया पेज ओपन होगा. इस पेज पर आपको कृषि यंत्र का चयन करना होगा| मतलब यह कि आपको बताना होगा कि खेती के लिए कौन सा उपकरण चाहिए. इसमें आपको ट्रैक्टर, ट्रेलर, हैप्पी सीड, थ्रेसर समेत 25 से ज्यादा उपकरण मिलेंगे| इन उपकरणों में से किसी को भी सेलेक्ट कर सकते हैं. यहां बता दें कि ऐप में एक से अधिक उपकरण का भी चयन किया जा सकता है| इसके अलावा यह जानकारी भी देनी होगी कि उपकरण या मशीन आपको कितने दिन के लिए चाहिए. वहीं फसल, गांव समेत अन्य जरूरी जानकारियां भी देना अनिवार्य है|
यहां बता दें कि यह सुविधा खेती के इलाके से 50 किलोमीटर के भीतर कस्टम हायरिंग सेंटर्स होने की स्थिति में ही मिलेगी| यह सभी जानकारियां देने के बाद आपको बुकिंग का बटन दिखेगा| इसे क्लिक करने के बाद आप बुक किए गए मशीन या उपकरण के किराए से जुड़ी जानकारी ले सकते हैं| यहां बता दें कि यह सुविधा खेती के इलाके से 50 किलोमीटर के भीतर कस्टम हायरिंग सेंटर्स होने की स्थिति में ही मिलेगी. यह सभी जानकारियां देने के बाद आपको बुकिंग का बटन दिखेगा| इसे क्लिक करने के बाद आप बुक किए गए मशीन या उपकरण के किराए से जुड़ी जानकारी ले सकते हैं|