फर्रुखाबाद: सर्व शिक्षा अभियान में गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए बनाये गए ब्लाक सह समन्वयक पदों पर नियुक्ति की रोक उत्तर प्रदेश शासन ने लगा दी है| फर्रुखाबाद में भी दो साल से कार्यकाल पूरा हो चुकने के बाद प्रस्तावित नए चयन के लिए होने वाली परीक्षा निरस्त कर दी गयी है| जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राम सिंह ने बताया कि वर्तमान में कार्यरत सह-समन्वयक अपना कार्यकाल दो साल पहले ही पूरा कर चुके है| विभाग के आदेशो का इन्तजार किया जा रहा है| सम्भवतः सह समन्वयक अब नहीं रहेंगे|
विश्व बैंक से कर्ज लेकर देश में प्राथमिक शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाने के लिए डेढ़ दशक पूर्व सर्व शिक्षा अभियान परियोजना चलायी गयी थी| जिसमे अधिकतर पद संविदा और बेसिक शिक्षा परिषद् के अध्यापको से भरे गए थे| जिस मकसद से परियोजना शुरू की गयी थी व्यवहारिक रूप से वो मूल रूप नहीं ले सकी, अलबत्ता एक खाऊ कमाऊ तंत्र बेसिक शिक्षा में और परवान चढ़ गया| सह समन्वयक एक विशेष विषय का काबिल अध्यापक होता था जो अपने ब्लाक या न्याय पंचायत के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में अपने सम्बन्धित विषय पर ध्यान देते हुए बच्चो की शिक्षा में गुणवत्ता लाता था| ये मूल काम छोड़ अधिकांश सह समन्वयक शिक्षको पर निगरानी रखने, स्कूलों में ड्रेस, किताबे, जुटे बाटने और कमियां मिलने पर अनुचित धन के परिचालन के लिए समन्वय बनाने का काम करने लगे थे| मूल विद्यालय तो लगभग ये त्याग ही चुके थे| उत्तर प्रदेश शासन के नए निर्देश से बेसिक शिक्षा परिषद् को लगभग 5000 शिक्षक पूरे प्रदेश में बच्चो को पढ़ाने के लिए पूर्णकालिक मिल जायेंगे|