कानपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम से पहले ही भागीरथी साफ हो गई है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) की जांच में गंगाजल की गुणवत्ता को बेहतर पाया गया है। बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी), घुलित ऑक्सीजन (डीओ), पीएच की मात्रा में पहले के मुकाबले सुधार हुआ है। गंगा में नरौरा से लगातार हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से पानी का स्तर भी बढ़ गया है।
गंगा में गंदगी न मिलने को लेकर सतर्क
प्रधानमंत्री नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (गंगा) के प्रोजेक्टों की समीक्षा के साथ ही गंगा का हाल देखने के लिए घाटों पर जा सकते हैं। प्रस्तावित कार्यक्रम में बोट पर बैठकर कुछ दूर तक सैर करना भी शामिल है। वह गंगा का आचमन कर सकते हैं। जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस बात को लेकर सर्तक है कि कहीं पानी में गंदगी न मिले।
मोक्षदायिनी पर पैनी नजर
बोर्ड के अधिकारियों ने मोक्षदायिनी पर पैनी नजर रखनी शुरू कर दी है। फर्रुखाबाद, कन्नौज से लेकर कानपुर तक मॉनीटङ्क्षरग की जा रही है। गंगा के सहायक नदियों रामगंगा, काली नदी, गर्रा नदी की निरंतर मॉनीटरिंग होने लगी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एसबी फ्रैंक्लिन ने बताया कि गंगा में बीओडी, डीओ, पीएच की मात्रा मानक के अनुरूप है। नरौरा से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे स्थिति और भी बेहतर हो जाएगी।