बागपत: माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या के करीब एक वर्ष बाद भी बागपत जेल में हालात जस के तस हैं। जेल में पिस्टल का प्रयोग कर मुन्ना बजरंगी की हत्या की गई थी, इसके बाद भी जेल में अवांछित सामान मिल रहा है।
मेरठ के आईजी जोन आलोक सिंह के साथ कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने मंगलवार को बागपत जेल में औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ बागपत की डीएम शकुंतला गौतम भी थी। आईजी जोन व कमिश्नर की इस छापामारी के दौरान जेल में गड्ढे में दबे दो मोबाइल व एक इंटरनेट वाईफाई मिला। इसके बाद तो जेल में खलबली मच गई। आईजी आलोक कुमार ने बताया मोबाइल जांच को भेजे जाएंगे। रिपोर्ट के आधार पर मोबाइल प्रयोग करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई।
जिला जेल बागपत में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में जेलर यूपी सिंह और एक न्यूज चैनल के स्टिंग में फंसे जिला जेल मेरठ के डिप्टी जेलर डीके सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद लगा कि यहां पर हालत सुधर रही है, इसके बाद मंगलवार को मोबाइल फोन तथा इंटरनेट वाईफाई सिस्टम मिलने से मामला संदेह के घेरे में है।
बागपत जिला जेल में पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की नौ जुलाई को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस हत्या की बात कुख्यात सुनील राठी ने कबूल की थी। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद तत्कालीन जेलर उदय प्रताप सिंह (यूपी सिंह), डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, प्रधान बंदी रक्षक अरजेंद्र सिंह व बंदीरक्षक माधव सिंह निलंबित कर दिए गए थे। विभागीय जांच के बाद प्रधान बंदीरक्षक अजेंद्रपाल सिंह व बंदीरक्षक माधव सिंह को गत 23 अप्रैल तथा जेलर यूपी सिंह को 20 जून को बर्खास्त कर दिया गया।