लखनऊ: घर तथा आसपास की सफाई में काम आने वाली झाड़ू को मां लक्ष्मी का भी प्रतीक माना जाता है। यानी झाड़ू के साथ विशेष उपाय करने से धन की वर्षा भी हो सकती है। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर झाड़ू से खास उपाय करने पर आप के घर पर भी धन की वर्षा हो सकती है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेने की खुशी में मनाया जाता है। इसी दिन मथुरा में विष्णु भगवान के आठवे अवतार माने जाने वाले श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। हर बार की तरह इस बार भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दो दिन यानी 23 व 24 अगस्त को मनाई जा रही है। इस बार लोग जन्माष्टमी की तारीख को लेकर काफी असमंजस में है। कोई इसे 23 अगस्त को बता रहा है तो कोई 24 अगस्त की तारीख की बात कर रहा है।
दरअसल कृष्ण भगवान ने भादों माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था। जिसमें अष्टमी 23 तारीख को है और रोहिणी नक्षत्र 24 अगस्त से आरंभ होगा। इसी कारण अपनी श्रद्धानुसार इनमें से किसी एक दिन त्यौहार को मनाया जाएगा। सभी लोग लोग इस दिन अच्छे से कृष्ण भगवान के मंदिर की सफाई करके साज सज्जा करते हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर झाड़ू का विशेष महत्व
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर झाड़ू का भी विशेष महत्व माना गया है। दरअसल झाड़ू का उपयोग घर की दरिद्रता को दूर करने के लिए किया जाता है और सफाई का भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी से भी अनूठा संबंध है। इसी कारण जन्माष्टमी के लिए झाड़ू से जुड़ी कुछ खास बात जानना जरूरी है। इस दिन झाड़ू के खास उपाय करने से लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
यह उपाय करें
झाड़ू को कभी भूलकर भी पैर नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि हिंदू धर्म में इसको लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। झाड़ू को पैर लगाना मां लक्ष्मी के अपमान के समान होता है। आपको आर्थिक संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
शनिवार के दिन नई झाड़ू का प्रयोग करना शुभ माना जता है। इस दिन ही पुरानी झाड़ू को बदलना चाहिए। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भी शनिवार यानी 24 अगस्त को पड़ रही है। आप नया झाड़ू खरीद सकते हैं।
गलती से भी कभी झाड़ू को घर के मुख्य द्वार पर रखने की भूल न करें। इससे घर में दरिद्रता का आगमन होता है। इससे मां लक्ष्मी नाराज़ हो सकती है। घर में नकारात्मक ऊर्जा से आपके पूजा करते समय नकारात्मक विचार भी उत्पन्न होंगे। आपके भगवान की भक्ति में लीन होने में बाधा बनने का काम करेंगे। हमेशा झाड़ू को स्टोररूम या उसके यथास्थान पर ही रखें।
सूर्यास्त के बाद न लगाएं झाड़ू
पुराणों में बताया गया है कि सूर्यास्त के बाद झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। इससे आपकी धन की आय पर प्रभाव पड़ता है। सूर्यास्त के बाद आप जब भी झाडू लगाएं तो उस कूड़े या मिट्टी को घर के बाहर न फेंके। इसको कहीं एक जगह पर कूड़ेदान में ही रख दें और सुबह होने पर बाहर फेंक दें। माना जाता है कि शाम के समय मिट्टी घर के बाहर फेंकने से लक्ष्मी घर से बाहर चली जाती है और अलक्ष्मी घर में प्रवेश कर जाती है।
जानवर को न मारे झाड़ू
श्रीकृष्ण की कथाओं में इस बात का जिक्र है कि भगवान पशुओं से बेहद प्रेम करते थे। वह उपवन में गाय भैंसों के साथ खेल के बड़े हुए थे। उनका बचपन जानवरों के समीप व्यतीत हुआ था। आज के समय में कई लोग जानवरों को भगाने के लिए उन्हें झाड़ू से मारते हैं, लेकिन ऐसा कतई न करें। इससे भगवान कृष्ण की कृपा आप पर नहीं बरसेगी। आपको मनवांछित फल भी नहीं मिलेगा।
झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। झाड़ू से जुड़े शगुन और अपशगुन हमारे जीवन को काफी प्रभावित करते हैं। हमको इससे जुड़े खास नियमों के बारे में जानकारी होनी चाहिए क्योंकि यह हमारे जीवन पर गहता प्रभाव डालते हैं।
झाड़ू का काम पूरा हो जाने के बाद उसको नजरों के सामने से दूर हटाकर रख देना चाहिए। बिना काम के सामने रखे झाड़ू को अच्छा नहीं माना जाता। झाड़ू को कभी खुले में नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है।
अगर आप झाड़ू का प्रयोग उसके टूट जाने के बाद न करें। वास्तु के अनुसार ऐसा करना अशुभ माना जाता है। टूटे हुए झाड़ू को तुरंत बदल देना चाहिए। टूटे हुए झाड़ू का इस्तेमाल करना आपके लिए कई समस्याएं खड़ी कर सकता है।
घर में झाड़ू को हमेशा पश्चिम दिशा में बने कमरे में रखना चाहिए। झाड़ू को इस दिशा में रखना शुभ माना जाता है। यह आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा को प्रवेश करने से रोकता है। भूलकर भी झाड़ू को खड़ा करने नहीं रखना चाहिए। झाड़ू को खड़ी अवस्था में रखना अपशगुन माना जाता है। हमेशा प्रयोग करने के बाद जमीन पर लिटाकर रखना चाहिए। कभी भी शाम के समय झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। इसको अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं। शाम के समय या रात को झाड़ू न लगाएं।