फर्रुखाबाद: तो जिसका डर था वही हुआ| तीन दिन पहले जिले में तालाबो की खुदाई का उद्घाटन जिलाधिकारी ने जनता से ये कह कर किया था कि इससे मनरेगा मजदूर को काम मिलेगा| रोजगार का सृजन होगा| अब तीन दिन बाद स्थिति ये है कि काम जोर शोर से शुरू हुआ, मगर रोजगार केवल तीन से चार लोगो को ही मिलेगा| एक जेसीबी चलाने वाले को, दूसरा जेसीबी मालिक को, तीसरा इसके भुगतान से धन की गंगा बहेगी उसमे दुबकी लगाने वाले प्रधान से लेकर सरकारी अफसर और कर्मचारी को| बेचारा मनरेगा मजदूर…….| देखते है डीएम् और सीडीओ साहब क्या करेंगे क्योंकि जिस समय खबर का प्रकाशन हो रहा है उस समय मशीन चल रही है|
तीन दिन पहले अम्रतपुर के खोदा गाँव में जिलाधिकारी मोनिका रानी और मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र पेंसिया ने तालाब खुदाई का उद्घाटन किया था और जनता को आश्वस्त किया था कि ये 42 लाख रुपये से खुदने वाले तालाब में हजारो मजदूरों को काम मिलेगा और काम मजदूर ही करेंगे| चार दिन बाद अभी तक वहां तो काम शुरू ही नहीं हुआ है अलबत्ता उसी दिन कमालगंज के जीरागौर में भी तालाब खुदाई का काम शुरू होना था मगर वहां तालाब की चयनित जमीन को लेकर विवाद था|पूर्व निर्धारित उद्घाटन के तय कार्यक्रम के बाबजूद जिलाधिकारी उस दिन वहां उद्घाटन करने नहीं पहुची थी| लेकिन तीन दिन बाद मंगलवार को तालाब की खुदाई जेसीबी मशीन से हो रही है और मनरेगा मजदूर नदारद है| आसपास के पांच गाँव तो दूर यहाँ तो गाँव वालो को भी काम नहीं मिलेगा| और तालाब की मिटटी से भट्टे की ईंट बनेगी सो अलग|