फर्रुखाबाद : जनपद में राजस्व कर्मियों की मनमानी के आगे तो अफसर भी नतमस्तक हो जाते है| कारण कमाई में सहभागिता या आन्दोलन का डर कुछ भी हो मगर इतना तय ये है कि मोदी सरकार भले ही राबर्ट बाडरा को रोज ईडी में बुला लेती हो मगर वो भी अभी तक पटवारी का कुछ नहीं बिगाड़ पायी| यही कारण है कि फर्रुखाबाद में एक लेखपाल ने दैवीय आपदा पीड़ितों को लाभ से वंचित करने को झूठी रिपोर्ट लगा दी, मगर इसका पर्दाफाश हो गया। अतिवृष्टि में गिरी दीवार से दब कर एक गरीब की भैंस मर गई। क्षेत्रीय लेखपाल ने कतिपय कारणों से पीड़ित को लाभ से वंचित करने को न केवल रिपोर्ट दबाई, बल्कि बाद में अधिकारियों को भी भ्रमित किया। आखिर जांच के बाद उपजिलाधिकरी सदर अमित असेरी ने संबंधित लेखपाल को निलंबित कर दिया और पीड़ित को तीस हजार रुपये अनुदान भी दिलवाया।
मामला तहसील सदर के ग्राम नीबकरोरी का है। विगत माह हुई बारिश के दौरान दीवार गिरने से सुरेश चंद्र की भैंस दब कर मर गई। सूचना दिए जाने के बावजूद क्षेत्रीय लेखपाल प्रभात अग्निहोत्री ने स्थलीय निरीक्षण नहीं किया और न ही रिपोर्ट दी। बाद में सुरेश चंद्र की पत्नी कृष्णा देवी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ शिकायत की। इस पर एसडीएम ने रिपोर्ट तलब की तो मनगढ़ंत तथ्यों का उल्लेख करते हुए भ्रामक स्पष्टीकरण प्रस्तुत कर दिया। एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार ने मौके पर जांच की और शिकायत की पुष्टि की। एसडीएम ने बताया कि उच्चाधिकारियों को गुमराह करने और दैवीय आपदा पीड़ित परिवार को लाभ से वंचित करना शासकीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही और आचरण नियमावली का घोर उल्लंघन है। मामले में संबंधित लेखपाल प्रभात अग्निहोत्री को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही पीड़ित परिवार के खाते में नियमानुसार अनुमन्य तीस हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है।