बाराबंकी: लापता युवती का शव कुएं मेंं मिलने के बाद सनसनी फैल गई, युवती के दानों हाथ बंधे थे, कुएं में डालने के बाद ऊपर से पाट दिया गया था। कुर्सी पुलिस ने राजफाश तो किया लेकिन 23 दिन बाद। इसमें पुलिस का कहना है कि युवती को उसके प्रेमी ने बाग में बुलाया और हंसी मजाक में प्रेमी ने युवती के हाथ बांधे और बाद में गला दबाकर हत्या कर दी। आरोपित पुलिस गिरफ्त में हैं।
कुर्सी थाना क्षेत्र के ग्राम नहोई मजरे बहरौली निवासी रामदास की 20 वर्षीय सुभाषनी पुत्री लखनऊ के एक निजी अस्पताल में नर्स थी। युवती 21 अप्रैल को घर से लखनऊ के लिए निकली, सात बजे रात में अपने पिता को फोन किया कि वह कुर्सी आ चुकी है। जब पिता कुर्सी पहुंचा तो वहां पर युवती नहीं मिली। काफी खोजबीन की लेकिन उसका कुछ नहीं पता चल सका। दो दिनों तक तलाश करता रहा लेकिन कहीं भी कुछ युवती का पता नहीं चल रहा था। थकहार कर 23 अप्रैल को थाने पहुंचा तो वहां पर पहले से ही शिकायत थी कि उसके द्वारा पुत्री सुभाषनी का उत्पीडऩ किया जा रहा है। उस समय पुलिस ने पिता की एक भी न सुनी।
रामदास तीन मई को फिर थाने गया तो तहरीर फाड़कर फेंक दी गई। उसने गुहार लगाई तो युवती के मोबाइल नंबर को ट्रैस किया गया। क्षेत्राधिकारी फतेहपुर अरविंंद वर्मा ने बताया कि जब मोबाइल नंबर को ट्रैस किया गया तो उसका लोकेशन गांव में ही बता रहा था। गांव में पूछताछ हुई तो पता चला कि वास्तव में युवती कई दिनों से गायब है। तब आरोपित को पकड़ लिया गया। पूछताछ में उसने सारा जुर्म काबूल लिया। नहोई का रहना वाला नसीम पुत्र यासीन था, जो युवती के घर के सामने रहता था। दो वर्षों से उसका युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। नसीब का निकाह 24 अप्रैल को था, इसलिए उसने अपनी प्रेमिका को धरसंडा निवासी अजीज की बाग में बुलाया था। उसकी निशानदेही पर शव बरामद हुआ है।
कुर्सी पुलिस के प्रति लोगों का आक्रोश, पुलिस बल तैनात
कुर्सी पुलिस से अब लोगों का विश्वास उठता जा रहा है। पुलिस अब पीडि़तों की सुनवाई समय पर नहीं कर रही है। यही कारण है कि थाने के चक्कर काट रहे पिता को उसकी बेटी नहीं, बल्कि उसकी लाश हाथ लगी। नहोई गांव के रामदास की पुत्री जब गुम हुई तो वह आरोपितों पर कार्रवाई की मांग को लेकर थाने के चक्कर काटने लगा। बताया जा रहा है कि तीन मई को जब फिर थाने गया तो पुलिस ने पीडि़त की सुनी लेकिन नामजद तहरीर को फाड़कर फेंक दिया गया, दूसरी तहरीर लिखाकर गुमशुदगी दर्ज की। पिता गुहार लगा रहा था कि गांव के नसीम ने ही उसकी पुत्री को गायब किया है।
युवती के पिता रामदास ने बताया कि यदि पुलिस सुनवाई कर लेती तो हमे न्याय पहले ही मिल जाता। चुनाव होने की वजह से पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी। दस मई को पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर 13 मई की रात साढ़े दस बजे शव बरामद किया है। पुलिस कार्रवाई में देरी से लोगों में आक्रोश है, इसको लेकर गांव में कुर्सी, बड्डूपुर, घुंघटेर थाने की पुलिस तैनात कर दी गई है।
पुलिस को भम्रित कर रहा था नसीम
जब से युवती गायब हुई, तब से युवती के फोन से आरोपित 1090 और सौ नंबर पर सुभाषिनी बनकर लड़की की आवाज में सूचना देकर यह बता रहा था कि उसके पिता रामदास उत्पीडऩ कर रहे हैं, उसकी हत्या करना चाहते हैं। जब रामदास तहरीर लेकर थाने जाता तो पुलिस तहरीर लेने से मना कर देती कि तुम तो स्वयं युवती की हत्या करना चाहते हो। सात मई को भी नसीम ने सौ नंबर पर सूचना देकर पिता के उत्पीडऩ की बात बताई थी।
अपर पुलिस अधीक्षक आरएस गौतम ने बताया कि गांव में तनाव की कोई बात नहीं है, एहतियात के तौर पर पुलिस बल गाांव में मौजूद है। पुलिस की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है, कुर्सी पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले का खुलासा किया है।