फर्रुखाबाद:(राजेपुर) आशा कार्यकर्ता मां व बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए काम करती हैं। इस कारण समाज में उनकी अलग पहचान है। इसको देखते हुए घरों में होने वाली हिंसा को रोकने के लिए अब आशाओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रशिक्षण दिया गया|
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक दीपेन्द्र अवस्थी के नेतृत्व में तीसरा पांच दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ| जिसमे अब तक आशा कार्यकत्री महिलाओं, नवजात और किशोर किशोरियों को होने बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करती रही हैं लेकिन अब एक नई जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं पर विभाग की ओर से सौंपी गयी है|
आशाओं को घरेलू हिंसा रोकने के लिए भी कार्य करने की जिम्मेदारी दी गयी है| प्रशिक्षण में बताया गया कि महिलाओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, अनावश्यक कार्य के लिए दबाव बनाने, मजदूरी करने के लिए मारपीट किए जाने आदि जैसी हिंसा आम समस्या है। इन समस्याओं से निपटने के लिए अब आशा कार्य करेंगी। उन्हें अगर महिला हिंसा से जुड़ी जानकारी मिलती है, तो आशा कार्यकर्ता पहले विभाग को सूचना देने के साथ ही पुलिस को भी खबर करेंगी। बताया गया कि आशा कार्यकर्ताओं का कार्य क्षेत्र गांव है। इससे प्राथमिक स्तर पर महिलाओं को होने वाली परेशानी का बेहतर ढंग से पता चल जाएगा। समय रहते सही जगह पर सूचना पहुंच जाने से समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी। स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिलाने के साथ ही आशाओं को दी जाने वाली यह जिम्मेदारी चुनौतीपूर्ण होगी।
इस व्यवस्था से महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा को रोकने में काफी हद मदद मिल सकती है।
इस दौरान स्वास्थ शिक्षा अधिकारी अखिलेश कुमार, अनीता त्रिपाठी, डॉ० पर्मित व नीतू शामिल रहे|