नई दिल्ली:कानपुर के नजदीक रूमा गांव में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है। हावड़ा से दिल्ली आ रही पूर्वा एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। ये ट्रेन हादसा देर रात 1 बजे हुआ, जब ज्यादातर यात्री गहरी नींद में सो रहे थे। हालांकि, इस ट्रेन हादसे में किसी के भी मारे जाने की खबर नहीं है। 50 से 60 यात्रियों को इस हादसे में चोट आई है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे की वजह क्या रही, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है। रेल मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि रिलीफ ट्रेन लगभग 900 यात्रियों को लेकर कानपुर से चल चुकी है। घायलों में से एक को गंभीर चोट आई है।
पूर्वा एक्सप्रेस जिस रूमा गांव में पटरी से उतरी, वो कानपुर से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। बताया जा रहा है कि 12 में से चार डिब्बे तो पूरी तरह पलट गए। बड़ी मुश्किल से इन डिब्बों में से यात्रियों को बाहर निकाला गया। इन चार डिब्बों के यात्रियों को सबसे ज्यादा चोट आई है। घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी, एसएसपी और अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और पूरी स्थिति का जायजा लिया। कानपुर के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट विजय विश्वास पंत भी घटनास्थल पर पहुंचे। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरफ की 45 लोगों की टीम भी मौके पर पहुंची।
रेलवे की ओर से जारी बयान में बताया गया कि राहत और बचाव कार्य पूरा कर लिया गया है। इस हादसे में किसी भी यात्री की जान नहीं गई है। इधर, एएनआइ से बातचीत में विजय विश्वास पंत ने कहा, ‘यात्रियों को कानपुर सेंट्रल तक ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था की जा रही है। रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि यात्रियों को कानपुर से दिल्ली ले जाने के लिए एक अतिरिक्त ट्रेन की व्यवस्था कर रहे हैं।’
आरपीएफ के मुताबिक, पूर्वा एक्सप्रेस में आगे की ओर से जनरल डिब्बे लगे हुए थे, जबकि पैंट्री कार से पीछे एसी के कोच लगे थे। पैंट्री कार से ट्रेन दो भागों में बंट गई। इनमें वातानुकूलित कोच भी शामिल हैं। पूर्वा एक्सप्रेस को कानपुर सेंट्रल पर करीब 12.05 बजे पहुंचना था और वह पहले से ही एक घंटे 12 मिनट देरी से चल रही थी। उत्तर रेलवे के पीआरओ अमित मालवीय के मुताबिक अभी तक हादसे में किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है। 50 से 60 लोग घायल होने की सूचना है। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत, एसएसपी अनंत देव तिवारी, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, एसपी पूर्वी, क्षेत्राधिकारी व कई थानों की पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी व पीएसी को भी मौके पर भेजकर राहत कार्य शुरू कराया गया। घायलों को पहले कांशीराम ट्रामा सेंटर भेजा गया। वहां से कुछ को एलएलआर अस्पताल (हैलट) रेफर किया गया।
पैंट्री कार के कर्मचारी रायबरेली निवासी सतेंद्र कुमार ने बताया कि अचानक तेजी से झटका लगा। ऐसा लगा कि किसी ने तीन चार बार डिब्बे को पलट दिया हो। इसके बाद पटरी से डिब्बे अलग हो गए। चीखपुकार मच गई। वहीं स्लीपर कोच में सवार लखीसराय बिहार निवासी पवन सिंह और औरंगाबाद बिहार निवासी रविंद्र ने बताया कि अचानक आंखों के सामने अंधेरा छा गया और चीखपुकार सुनाई दी। पटना निवासी रोमेल जायसवाल ने बताया कि देर रात सभी यात्री सो रहे थे, तभी अचानक जोरदार आवाज आई। आंख खुली तो अंधेरा था। अचानक से एक तेज धमाका हुआ। जिसके बाद वहां चीख पुकार मच गई। पता चला कि ट्रेन पलट गई है। बहुत से यात्री हताहत हुए हैं। झारखंड के जसीडीह निवासी राजेश चौधरी ने बताया कि चारों तरफ चीख पुकार मची है। घायलों में बिहार के रवींद्र वर्मा, पवन सिंह, संजय, भूपेश, वीरेंद्र आदि को कांशीराम ट्रामा सेंटर लाया गया।