फर्रुखाबाद: चुनावी आचार संहिता के लागू होने के बाद सार्वजनिक इस्तेमाल के संसाधनों का उपयोग राजनैतिक प्रचार आदि के लिए नहीं किया जा सकता है| ऐसे में नगरपालिका फर्रुखाबाद के संसाधनों और कर्मचारियों की सत्यनिष्ठा बसपा प्रत्याशी मनोज अग्रवाल के साथ कैसे हो सकती है भले ही प्रत्याशी नगरपालिका चेयरपर्सन का पति ही क्यों न हो?
भले ही छोटे से मूल्य का मामला हो मगर है तो अनैतिक और अशासकीय|
बसपा प्रत्याशी मनोज अग्रवाल के नेकपुर स्थित केंद्रीय चुनाव कार्यालय परिसर में साज सज्जा के लिए डाला जाने वाला चूना नगरपालिका के कर्मचारियों द्वारा डाला जा रहा है और चूना भी नगरपालिका का ही इस्तेमाल हो रहा है| इतना ही नहीं कार्यकर्ताओ के लिए पानी की व्यवस्था के लिए नगरपालिका का टैंक भी लाया गया| हालाँकि पानी का टैंक एक निश्चित निर्धारित भुगतान करने के बाद देने की व्यवस्था है मगर बिना भुगतान के टैंक भेजना तो नगरपालिका के कर्मचारियों की सत्यनिष्ठा पार्टी विशेष और प्रत्याशी विशेष के लिए लगती है| चूँकि जेएनआई को नाम न छपने की शर्त पर नगरपालिका के ही एक कर्मचारी ने बताया है कि 31 मार्च में आडिट के लिए जमा रसीद बुक अभी जारी नहीं हुई है तो रसीद कैसे कटी होगी? इस प्रकार बिना शुल्क जमा किये पानी का टैंकर कैसे भेजा गया| भले ही छोटे से मूल्य का मामला हो मगर है तो अनैतिक और अशासकीय|
इस सम्बन्ध में नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी रश्मि भारती से जब जेएनआई ने नगरपालिका का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी में ये प्रकरण नहीं था, यदि ऐसा हो रहा है तो वे जाँच कर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगी|