मैनपुरी:समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव तो अपने पुत्र अखिलेश यादव के कर्जदार हैं। उन्होंने अखिलेश यादव से दो करोड़ 80 लाख, 13 हजार रुपया कर्ज ले रखा है।
बीते पांच वर्ष में मुलायम सिंह यादव दंपत्ति ने एक करोड़ 66 लाख रुपया कमाया भी है। मुलायम सिंह यादव ने कल मैनपुरी से अपने नामांकन पत्र में इन सबका जिक्र भी किया है। इतना ही नहीं उनके पास कोई कार भी नहीं है और न ही उनके पास मोबाइल फोन है। देश के सबसे बड़े राजनीतिक घराने के मुखिया, चार बार मैनपुरी से सांसद और रक्षा मंत्री रह चुके मुलायम सिंह के पास न कार है और कोई गहना। उनके पास मोबाइल फोन भी नहीं है। पिछले पांच साल में मुलायम दंपती ने 1.66 करोड़ रुपये कमाए। यह आय खेती, सांसद पद के वेतन और मकान के मासिक किराया से हुई है।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कल अपनी परंपरागत लोकसभा सीट मैनपुरी से सोमवार को नामांकन दाखिल किया। इस दौरान अपने हलफनामे में दी गई जानकारी के मुताबिक मुलायम सिंह यादव अखिलेश यादव से दो करोड़ तेरह लाख अस्सी हजार रुपये का कर्ज लिए हुए हैं। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव अपने बेटे अखिलेश यादव के कर्जदार हैं। नेताजी और उनकी पत्नी ने बीते पांच वर्ष में एक करोड़ 66 लाख रुपया कमाया भी है। उनके पास अपनी कोई कार नहीं हैं। न तो वह कोई मोबाइल फोन रखते हैं और न ही उनके पास आभूषण है। नामांकन पत्र में चल-अचल संपत्ति के साथ आय के सभी स्नोतों की भी पूरी जानकारी दी। शपथ पत्र में उन्होंने बताया है कि उनके पास किसी भी प्रकार का कोई वाहन नहीं है, जबकि उनकी पत्नी साधना यादव के पास 17,16,717 कीमत की लग्जरी टोयोटा केमरी कार है।इतना ही नहीं, पत्नी के पास 2,41,52,365 मूल्य के आभूषण भी हैं, जबकि मुलायम सिंह के पास आभूषणों के नाम पर कुछ भी नहीं है। बैंकों में जमा और बचत के नाम पर मुलायम सिंह के पास 1,36,65,853 रुपये और पत्नी के पास 2,97,65,742 रुपये जमा हैं। शपथ पत्र के तहत दंपती ने पांच वर्षों में 1.66 करोड़ रुपये कमाए हैं। इसमें सांसद पद के वेतन और खेती के जरिए अकेले मुलायम सिंह यादव ने 1,47,51,678 रुपये जोड़े, जबकि पत्नी साधना यादव ने मकान के किराए से 18,53,765 रुपये बचाए हैं। भूमि और भवन (कृषि, व्यावसायिक और आवासीय) से अर्जित आय का हिसाब देते हुए मुलायम दंपती ने स्वीकारा है कि उनके पास कुल 16,21,72,998 रुपये की संपत्ति है। इसमें मुलायम सिंह यादव के पास 14,28,68,698 रुपये और उनकी पत्नी के पास 1,93,04,300 रुपये की संपत्ति है।
मुलायम सिंह के पास सैफई में पैतृक मकान के अलावा इटावा में भी एक बंगला है। इटावा में बना हुआ बंगला 16 हजार वर्ग फुट में फैला हुआ है। इसकी मौजूदा कीमत 6 करोड़ रुपये से अधिक है। उनकी पत्नी साधना यादव के पास लखनऊ में भी बंगला है। जिसकी कीमत 70 लाख, 94 हजार रुपये है।
मुलायम हैं अखिलेश के कर्जदार
मुलायम सिंह यादव अपने पुत्र अखिलेश यादव के कर्जदार भी हैं। ये बात मुलायम ने नामांकन के दौरान दाखिल अपने हलफनामे में स्वाीकार की है। रिकॉर्ड के अनुसार उन्होंने अखिलेश से दो करोड़ 13 लाख 80 हजार रुपए कर्ज भी लिया है। मकान, दुकान, भवन आदि से जुड़ी मुलायम के पास एक करोड़ 36 लाख 65 हजार 853 रुपए और उनकी पत्नी साधना यादव के पास दो करोड़ 97 लाख 65 हजार 742 रुपए की चल संपत्ति है। शपथ पत्र में मुलायम के पास 16 करोड़ 52 लाख 44 हजार 300 रुपए की चल और अचल संपत्ति दर्शायी गई है। मुलायम सिंह ने अपने हलफनामे में अपने के कर्जदार होने का जिक्र किया है। अचल सम्पत्ति के रूप मेंं मुलायम सिंह के पास एक करोड़ 36 लाख 65 हजार 853 रुपये हैं ।ऑडी कार से चलने वाले मुलायम सिंह यादव के पास अपनी कोई भी कार नहीं है। वह ऑडी के साथ ही महंगी एसयूवी से चलते हैं।
अमिताभ ठाकुर ने किया है मुकदमा
मुलायम सिंह ने अपने हलफनामे में एक मुकदमे का भी जिक्र किया है। उन्होंने मजिस्ट्रेट को बताया है कि उनके खिलाफ आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ के हजरतगंज थाने मे दर्ज कराया था। नामांकन के साथ सौंपे गए शपथ पत्र में मुलायम सिंह यादव ने एक आपराधिक मामले का जिक्र भी किया है। उनका कहना है कि 24 सितंबर 2015 को लखनऊ के हजरतगंज थाना में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। आइपीएस अमिताभ ठाकुर निवासी गोमतीनगर लखनऊ ने फोन पर आपराधिक धमकी देने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में हजरतगंज पुलिस की जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज हुई थी। मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है।
मोबाइल फोन नहीं है, आवास पर है लैंडलाइन फोन
सपा प्रत्याशी मुलायम सिंह यादव के पास अपना कोई मोबाइल फोन नहीं है। सिर्फ एक लैंड लाइन फोन ही उनके आवास पर लगा हुआ है। वे सोशल साइटों से भी बहुत दूर हैं। देश के पूर्व रक्षा मंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव के पास तो कोई ई-मेल आइडी भी नहीं है।
जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है
दशक भर पहले मुलायम सिंह के दृढ़ और प्रामाणिक स्वभाव को परिलक्षित करता नारा। मैनपुरी की धरा पर सोमवार को ये नारा इसकी पुष्टि भी कर गया। नेताजी के स्वागत में जगह-जगह उमड़ी भीड़, उनके जलवा अफरोज की ही कहानी कह रही थी। क्रांति रथ से नामांकन करने आने और वहीं से लौटके पीछे छिपी अंतर्कथा सपा संरक्षक की दृढ़ता के साथ ही नारे की अन्य तीन लाइनों का भावार्थ भी समझा रही थी। बसपा से गठबंधन को लेकर संरक्षक की मनोदशा की चुगली उनके चेहरे के अन्मयस्क भाव दे रहे हैं।
जनसभा के लिए सजे गठबंधन के मंच पर उनका अचानक से न पहुंचना, अपने पीछे तमाम अनसुलझे सवाल छोड़ गया। मुलायम का जलवा कायम होने की गवाही तो उमड़ी भीड़ ही दे रही है। मुलायम के जलवे की कहानी तो दशकों की उनकी मेहनत का परिणाम है। सपा कार्यालय के पड़ोस में सजे मंच से बार-बार नारा गूंज रहा था, जिसने कभी न झुकना सीखा, उसका नाम मुलायम है। उधर, नामांकन के बाद बाहर आने पर मुलायम सिंह का पत्रकारों के बसपा से गठबंधन की बात पर अटकना, ठिठकना और इसका जवाब अखिलेश के लिए अनुत्तरित छोड़ देना, नारे की प्रासंगिकता पर मुहर लगा रहा था। क्रांति रथ से लेकर नामांकन तक के बीच मुलायम सिंह के चेहरे पर तैरते भाव बता रहे थे कि बसपा से दो दशक पूर्व की अदावत आज भी उनके मन में गहरे बैठी है। स्वभाव के अनुसार वे बसपा के आगे झुकने को तैयार नहीं।