फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला)पूर्व मंत्री स्वर्गीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में दोषसिद्ध हुए पूर्व सपा एमएलए विजय सिंह की आखिर 22 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने एसपीएल (स्पेशल लीव पिटिशन) को मंजूरी दी है|अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा|
भाजपा के सदर विधानसभा से विधायक मेजर सुनील दत्त द्विबेदी के पिता स्वर्गीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी की दस फरवरी, 1997 की रात फर्रुखाबाद में लोहाई रोड पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना में उनके गनर बृजकिशोर तिवारी की भी गोली लगने से मौत हो गई थी| सीबीआइ ने जांच के बाद आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित किया था। अभियुक्तों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट ने 23 जुलाई, 2001 को आरोप तय किया था। विचारण के दौरान अभियुक्त रमेश ठाकुर की मौत हो गई थी। विचारण के दौरान सीबीआइ ने 67 गवाह पेश किए थे। 17 जुलाई, 2003 को सुनाए गए अपने फैसले में ट्रायल कोर्ट ने विजय सिंह व जीवा को हत्या व हत्या के प्रयास का दोषी पाकर दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। जेल जाने के बाद में विजय सिंह को जमानत मिल गई थी|
बीते 22 मई 2017 को हाई कोर्ट ने विजय सिंह व जीवा की ओर से अलग-अलग दायर अपीलों को ख़ारिज कर दी थी| और निचली अदालत द्वारा 14 साल पूर्व 17 जुलाई, 2003 सुनाई गयी आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा|
5 जून 2017 को पूर्व विधायक विजय सिंह ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया| वह फ़िलहाल नैनी जेल में बंद है| गुरुवार को लगभग 22 महीने बाद विजय सिंह की एसएलपी (स्पेशल लीव पिटिशन) को मंजूरी दी है|अब ब्रह्मदत्त हत्या कांड में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी| पूर्व विधायक विजय सिंह के भतीजे करन सिंह के अनुसार एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में मंजूर कर ली गयी है|