भूसे पर मंहगाई की मार,पतेल खा रहे मबेशी

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(कंपिल) जानवरों के लिए उपयोग में लाया जाने वाला भूसा या अन्य हरा चारा पर बहुत महंगाई बढ़ गई है । जिसके कारण किसान अपने दूध वाले जानवरों को भूसा, हरा चारा पर्याप्त मात्रा में नही खिला पा रहे हैं। अप्रैल में कम कीमत पर बिकने वाला भूसा इस बार पशु पालकों को 1000 से 1300 रुपये तक मे खरीदना पड़ रहा है।ग्रामीणों की माने तो इस बार भूसे की कमी की बजह से महंगाई बढ़ी है।
पशु पालक अपने जानवरों को भूसा की जगह खर-पतेल, कांस-डाव, गन्ने की सूखी पताई तक खिला रहे हैं। दूध उत्पादन की तो दूर की बात है जानवरों को जिंदा रखने के लिए हरे चारे में सूखी पताई मिला कर खिला रहे है। इस बार बाजरे की कम फसल के चलते पर्याप्त चारा नहीं हो पाया था। दूध का उत्पादन पतेल पर निर्भर है।
ग्रामीणों ने बताया कि दुग्ध उत्पादन करके परिवार का गुजारा हो जाता था अब भूसा ही इतना महंगा हो गया है कि खरीद पाना बहुत मुश्किल है।भूसा की जगह गन्ने का अगौला , पतेल, गन्ने की पताई , बरसीम आदि को मिक्स करके चारा बना लिया जाता है। जिससे दुग्ध उत्पादन तो कम होता है लेकिन पशुओं की जीविका का सहारा बन जाता है।इस भूसा की महगाई में धान की पुराल , मक्के का मकडेरा , गन्ने की पताई सभी काम में आयीं हैं इस संसार में कोई भी चीज खराब नही है।(कुलदीप सिंह चौहान)