फर्रुखाबाद:शासन के आदेश के बाद सेन्ट्रल जेल में सजा काट रहे बंदियों को अब नयी उम्मीद जाग गयी है| चौथे चरण में कुल 78 बंदियों को और रिहाई दे दी गयी| जेल से बाहर निकले बंदियों ने आतंकवाद के खिलाफ अपना आक्रोश प्रगट किया| और कहा कि जिस तरह से हम सभी ने जो अपराध किया था उसकी सजा कानून ने उन्हें दी| उसी तरह जो पाक ने जघन्य अपराध किया है सरकार उनको कठोर सजा दे|
सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ में बीते 9 फरवरी को कुल 35 बंदियों की रिहाई हुई थी| उसके बाद 12 फरवरी को 30 बंदी रिहा किये गये| 13 फरवरी को पुनः 61 बंदियों को आजादी मिल गयी| इसके ठीक तीन दिन बाद वह मौका शनिवार को पुन: आ गया जिसमे 78 बंदियों को फिर रिहाई दी गयी| जेल से रिहा हुए वृद्ध बंदियों को उनके परिजन सहारा देकर घर ले गये| अपनों को वर्षो बाद आजाद देखने और अपनों से वर्षों के बाद सलाखों के बाहर आकर मिलने का दौर चला तो आँखों में आंसू भी आ ही गये| लेकिन उसी में एक वृद्ध व दिव्यांग बंदी वह भी था जिसको लेने कोई भी नही आया| हरदोई जनपद के मटियामऊ मल्लावां निवासी फहीम पुत्र नन्हू पैरो से चलने से लाचार था| उसके अकेला देखकर कारापाल पीके सिंह ने उसको जेल की एम्बुलेंस से घर भेजा| वही पंजाब प्रदेश के जिला लुधियाना सानेवाल भूखडी कला निवासी सरदार अमरजीत उर्फ़ जोगा पुत्र शेर सिंह जब जेल से बाहर आया तो पहले उसने जेल गेट के बाहर धरती के पैर छुए और उसके बाद रवाना हुआ|
15 जनपदों के बंदियों को मिली रिहाई
शनिवारकोजालौन,कन्नौज,एटा,कानपुरनगर,मैनपुरी,उन्नाव,फतेहपुर,लुधियानापंजाब,प्रतापगढ़,हरदोई,फर्रुखाबाद,कासगंज,लखनऊ,इटावा,औरैया के बंदियों को रिहाई मिली| सेन्ट्रल जेल अधीक्षक एसएचएम रिजवी,जेलर पीके सिंह आदि रहे|