ठेके की जनगणना: मकान मालिकों ने छिपाए किराएदार

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फर्रुखाबाद, 1 मार्चः जनगणना कार्यक्रम सोमवार को पूरा हो गया, और कई को तो पता भी नहीं चला। कहीं जनगणना कर्मी नहीं पहुंचा और कहीं मकान मालिकों ने अपने मकान के किरायेदारों की जानकारी ही छुपा ली। ऐसे लोग सोमवार को जनगणना का दूसरा चरण पूरा होने के बाद भी छूटे हुए हैं। जनगणना का दूसरा चरण बीती नौ फरवरी से शुरू हुआ था और बीस दिन बाद 28 फरवरी की रात 12 बजे यह पूरा हुआ है। इस दौरान प्रगणकों ने घर-घर जाकर परिवारों की गणना करनी थी। जेएनआई के अपने पाठकों में किये गये सर्वे के अनुसार प्रगणकों ने लगभग 20 प्रतिशत घरों की जनगणना  या तो की ही नहीं या घर बैठे फर्जी आंकड़े केवल अपने अनुमान के आधार पर भर दिये। दरअसल सारा काम ठेके पर हुई मतगणना ने बिगाड़ दिया।

विदित है कि जनगणना का दूसरा चरण बीती नौ फरवरी से शुरू हुआ था और बीस दिन बाद 28 फरवरी की रात 12 बजे यह पूरा हुआ है।  फिर भी सैकड़ों लोग सोमवार को जनगणना का दूसरा चरण पूरा होने के बाद भी छूटे हुए हैं। इस दौरान प्रगणकों को घर घर जाकर जनगणना करनी थी। दस बर्षों में एक बार राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना करायी जाती है। जनगणना के आंकड़ों के आधार पर देश में आगामी दस बर्षों के लिये विकास की योजनाओं का खाका तैयार किया जाता है। परंतु इस राष्ट्रीय महत्व के कार्ये को भी सरकारी कर्मचारी कितने हलके में लेते है, इसका अंदाजा जेएनआई को एक सर्वे में हुआ।

जेएनआई ने अपने पाठकों के माध्यम से जो सर्वे किये उसके अनुसार लगभग 20 प्रतिशत घरों में या तो जनगणना प्रगणकों ने दस्तक ही नहीं दी या अपने घरों पर बैठ कर फर्जी आंकड़ों से कागजों का पेट भर दिया।

मजे की बात है कि जनगणना प्रगणक के न आने की सूचना देने वाले अधिकांश पाठक नगर क्षेत्र के ही हैं। गोलाकोहना फतेहगढ़ निवासी राघव मिश्रा बताते है कि उनके घर आज तक कोई जनगणना प्रगणक आया ही नहीं। यही शिकायत कादरीगेट निवासी देवेंद्र पाण्डेय की है। कमालगंज के ग्राम गौसपुर निवासी मुस्तकीम अहमद पुत्र सफीर अहमद की भी यही शिकायत है। नगर क्षेत्र के जसमई चौराहा निवासी स्वदेश राजपूत के घर भी कोई प्रगणक झांकने नहीं गया। फतेहगढ़ के जयनरायन वर्मा रोड हाथीखाना निवासी राजीव यादव के घर भी जनगणना नहीं की गयी है। नगर क्षेदत्र के ही नेकपुर कलां  निवासी आमोद कटियार  पुत्र मुंशी कटियार का घर भी गणना में छूटा हुआ है। राजीवगांधीनगर फर्रुखाबाद निवासी सरोज पाल का घर भी अभी तक जनगणना में छूटा हुआ है। तहसील सदर के ग्राम पिपरगांव निवासी राजेश कुमार दीक्षित बताते हैं कि उनके घर आज तक क्षेत्र के प्रगणक विनोद कुमार नहीं आये है। ग्राम सरह निवासी राममनोहर सिंह को भी उनके परिवार को जनगणना में शामिल न किये जाने का मलाल है। अमृतपुर तहसील के ग्राम सरह निवासी अश्वनी कुमार का घर भी जनगणना में छूटा चल रहा है।

याकूतगंज के मोहल्ला हाजीगंज निवासी इकबाल हुसैन, कायमगजंज के ग्राम भटमई निवसी दीपक शाक्य, ग्राम जैतपुर के निवसी भीमसेन पुत्र साहब सिंह के घर पर भी किसी जनगणना कर्मी ने अभी तक दस्तक नहीं दी। हद तो यह है कि विकासखंड नवाबगंज के ग्राम बिजपुरी के पूर्व प्रधान मनोज कुमार तक के घर की जनगणना नहीं हुई। नगर क्षेत्र में रोजी पब्लिक स्कूल के निकट के निवासी सुशील कुमार पाण्डेय को भी जनगणना में छूट जाने का गम है।

ठेके पर हुई मतगणना ने दरअसल सारा काम बिगाड़ कर रख दिया। जिला प्रशासन ने दरअसल जिन मोटी तनख्चाह के परिषदीय शिक्षकों की डयूटी जनगणना प्रगणक के तौर पर लगायी थी वह स्कूल जाना तक तो गवारा नहीं करते तो फिर आखिर दरवाजे दरवाजे जाकर कुण्डी खटकाने का काम उनको कैसे रास आता। अधिकांश ने जनगणना प्रगणक के तौर मिलने वाले मानदेय के पैसे के कुछ भाग की लालच देकर आसपड़ोस के बेरोजगार युवक युवतियों को काम ठेके पर सौंप दिया। जाहिर है काम में जिम्मेदारी और गुणवत्ता की तलाश करना बेमानी ही होगा।

जनगणना प्रभारी उपजिलाधिकारी सीपी उपाध्याय ने बताया कि अभी रवीजनल राउंड चल रहा है। छूटे हुए लोगों के नाम सम्मिलित किये जा सकते हैं। श्री उपाध्याय ने बताया कि वह इस मामले को देखेंगे।