लखनऊ:अखिलेश यादव को प्रयागराज जाने से रोकने पर सपा, बसपा, आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी राजनीतिक दलों ने ही नहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद तक ने नाराजगी जताई। सपा मुखिया को रोकने, प्रदेश में सपाइयों पर लाठीचार्ज और गिरफ्तारी को लेकर आज सपा-बसपा के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रामनाईक से राजभवन में मुलाकात की। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के नेतृत्व में राज्यपाल से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा गया है। इसमें दोनों सदनों के सपा-बसपा विधानमंडल दल के नेता शामिल रहे।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को अखिलेश यादव को प्रयागराज जाने से रोकने को लेकर सपाइयों ने पूरे प्रदेश में उग्र प्रदर्शन किया था। इस मामले में धरना, प्रदर्शन, नारेबाजी, पुतला दहन, तोड़फोड़, पथराव जैसी तमाम घटनाएं सामने आईं। लखनऊ में सपा ने राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया था। आज उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए राजभवन में जाकर ज्ञापन दिया। ध्यान रहे कि सपा अध्यक्ष ने कहा है कि मेरे खिलाफ तो आज तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ तो खुद हिंसा फैलाने वाले रहे हैं। खुद उनके ऊपर तमाम मुकदमे हैं। प्रदेश में पहली बार हिंसा फैलाने वाला कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री बना है। उन्होंने योगी के खिलाफ दर्ज मुकदमों की तख्तियां भी लहराईं।
अखिलेश को रोकने पर अखाड़ा परिषद खफा
अखिलेश को रोके जाने से उनके कार्यकर्ता और राजनीतिक दल ही नहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी गहरी नाराजगी जताई है। परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अखिलेश उनके कार्यक्रम में एक भक्त की तरह शरीक होने आ रहे थे। उन्हें रोकने से परिषद के संतों को तकलीफ है। मठ बाघंबरी गद्दी में प्रतिवर्ष अचला सप्तमी पर भंडारा होता है, जिसमें मुलायम सिंह के परिवार से कोई न कोई सदस्य शामिल होता है। इस बार अखिलेश इसमें शामिल होने आ रहे थे। वह राजनेता नहीं, एक भक्त के रूप में आ रहे थे।