फर्रुखाबाद:शासन के आदेश पर सेन्ट्रल जेल से रिहा किये गये बंदी दोषा जब वर्षों के बाद जेल से बाहर निकला तो वह वृद्ध हो चला रहा था| आँखों से धुंधला दिख रहा था वही कानों से कम सुनाई पड़ रहा था| लेकिन इसके बाद भी धुंधली आँखे अपनों को तलाशने का प्रयास कर रही थी| लेकिन उसका कोई भी अपना नजर नही आया|
जनपद जालौन के कालपी गुलौली निवासी दोषा पुत्र अकबर सेन्ट्रल जेल में सजा काट रहा था| उसने जेल में लम्बी सजा काटी| शनिवार को जब शासन के आदेश पर 35 कैदियों को रिहाई दी गयी तो उनमे दोषा का नाम भी था| उसे भी जेल से रिहा किया गया| लगभग सभी बंदियों के परिजन पंहुचे थे| उनका वर्षो से दवा हुआ दर्द आंसू बनकर निकल पड़ा था|
वही वृद्ध दोषा अपना सामान झोले में भरकर एक किनारे बैठा था| जब उससे जेएनआई टीम ने पूंछा तो पता चला की उसके परिजन उसे लेने तक नही आये| उसके घर जाने की समस्या खड़ी हो गयी| इन्ही 35 रिहा किये गये बंदियों में से एक नाम और था जो दोषा के जालौन जिले का था| भारत पुत्र अशर्फीलाल निवासी सिकरी राजा जालौन के परिजन उसे लेनें आये| दोषा उन्ही के साथ अपने घर के लिए रवाना हो गया|