फर्रुखाबाद:जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष केन्द्रीय कारागार में रहकर बिताने वाले हरिनाम ने 17 हजार व रनवीर ने 23 हजार रूपये की कमायी की| जिसका उन्हें रिहाई के दौरान चेक के द्वारा भुगतान किया गया|
शासन के आदेश के बाद सेन्ट्रल जेल से रिहा हुए जनपद हरदोई के पिहानी छतैनिया निवासी रनवीर पुत्र सीतल बक्स ने बताया की उन्होंने सेन्ट्रल जेल में सजा के दौरान बागबानी का काम किया| लेकिन उन्होंने अपनी सरकारी मजदूरी नही ली| जिसके चलते रिहा होने के दौरान उसे 23 हजार 680 रूपये का चेक दिया गया|
वही जनपद हरदोई के कोतवाली देहात दनियागंज निवासी हरिनाम ने बताया कि उसने सेन्ट्रल जेल में आने के बाद भंडारे (भोजनालय) में कार्य किया| उसने भी जेल विभाग से अपनी सरकारी मजदूरी नही ली| जब वह रिहा हुआ तो उसे 17014 रूपये की चेक दी गयी| इसके साथ ही अन्य बंदियों को भी उनकी मजदूरी मिली| लेकिन हरिनाम व रनवीर को सर्वाधिक मजदूरी मिली|
जेल अधीक्षक एसएचएम रिजवी ने जेएनआई को बताया की बंदियों की काम के आधार पर मजदूरी दी जाती है| रिहा किये गये 35 बंदियों में से जिन-जिन की मजदूरी जमा थी उनका चेक से भुगतान किया गया| जिसमे हरिनाम को 17 हजार व रनवीर ने 23 हजार रूपये की चेक दी है|