फर्रुखाबाद:मोदी सरकार का बजट देखने के लिए लोग टीवी से चिपक गए। सदन में बजट की प्रक्रिया शुरू हुई। लोगों में सरकार के इस आखिरी बजट से खासी उम्मीदें हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार के पांचवें बजट को लेकर लोगों में गजब की जिज्ञासा देखी गई। जैसे ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट का पिटारा खोलना शुरू किया लोग काम धंधा छोड़ कर टेलीविजन से चिपक गए। बाजार में खरीदारी करने वाले लोग भी टीवी दुकान पर जाकर बजट सुनने लगे। नगर में कई जगह टेलीविजन शो रूम में तो इतनी भीड़ हो गई कि कई बार दुकानदार को लोगों को किनारे करना पड़ा। जैसे ही इनकम टैक्स में स्लैब की बात नहीं आई तो कुछ के चेहरे मुरझा गए लेकिन स्वास्थ संबंधी योजना की बात सुनकर कई लोग खिल उठे।
छोटे व्यापारियों में भी बजट को लेकर उत्सुकता देखी गई लोगों ने टेलीविजन की दुकानों को घेर लिया और बजट भाषण सुनने लगे। कई युवक भी बजट भाषण सुन रहे थे। उनके हाथ में खरीदारी के लिए थैले थे लेकिन निगाहें टेलीविजन पर चिपकी थी। कई दुकानों पर लगी टीवी पर बजट सुनने का आनन्द लेनें के लिए दुकानदार और ग्राहक सब कुछ भूलकर केबल टीवी की तरफ टकटकी लगाये नजर आये| कई नौकरीपेशा लोग भी बाजार आए थे और समय हो जाने पर वे भी बजट भाषण सुन रहे थे। उन्हें उम्मीद थी की सरकार इस चुनावी बजट में आयकर की सीमा में बड़े छूट की घोषणा करेगी जैसे जैसे वित्त मंत्री का भाषण बढ़ रहा था उनको उम्मीद भी जग रही थी। लेकिन कुछ लोग खाद एवं किसानों की बात सुनना चाह रहे थे।
सबकी अपेक्षाएं अलग थीं। टेलीविजन देखने के दौरान ही लोग बजट के लाभ हानि पर चर्चा करने लगे। कुछ लोग कह रहे थे कि हाईवे सेस ठोकने से महंगाई बढ़ेगी। पेट्रोल-डीजल पर मूल्य नियंत्रण के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है। जबकि कुछ लोग स्वास्थ्य योजनाओं को सरकार की बड़ी उपलब्धि बता रहे थे। उनका कहना था कि इससे मध्यमवर्ग को इलाज कराने में सुविधा होगी। उनके जीवन की रक्षा हो सकेगी। जबकि नौकरीपेशा लोग बजट को निराशाजनक बता रहे थे।
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