नई दिल्ली:उम्मीद के मुताबिक ही सरकार ने अंतरिम बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों को तरजीह दी है। किसानों के लिए सीधी राहत की घोषणा करते हुए सरकार ने 2 हेक्टेयर जमीन वाले किसानों को सालाना 6 हजार रुपये की मदद दिए जाने का एलान किया है। किसानों को यह रकम सीधे उनके खाते में दी जाएगी।
किसान सम्मान निधि योजना का एलान करते हुए गोयल ने कहा कि एक दिसंबर 2018 से यह रकम किसानों के खाते में डाली जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की इस योजना से 12 करोड़ किसान परिवार को फायदा मिलेगा और इस योजना पर सरकार को 75 हजार करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ेगा और इसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी।वित्त मंत्री ने कहा कि यह राशि एक साल के भीतर तीन किस्तों में दी जाएगी और प्रत्येक किस्त की राशि 2,000 रुपये होगी। इस तरह की योजना तेलंगाना और ओडिशा में पहले ही शुरू की जा चुकी है।
वित्तमंत्री ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों के लिए दो फीसदी इंटरेस्ट सबवेंशन यानी ब्याज में दो फीसदी की छूट देने की घोषणा की गई है। इसके अलावा फसल ऋण का समय से भुगतान करने पर तीन फीसदी का इंटरेस्ट सबवेंशन भी प्रदान करने की घोषणा की गई है।
ग्रामीण रोजगार पर बढ़ा फोकस
मोदी सरकार ने बजट 2019-20 में रोजगार गारंटी को प्राथमिकता दी है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए मनरेगा को 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन देने का फैसला किया है। पिछले बजट के मुकाबले यह रकम 9 फीसद अधिक है।
पिछले बजट में सरकार ने इस योजना को 55,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। वहीं 2017-18 में इस योजना के लिए 48,000 करोड़ रुपये दिए गए थे। रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को एक साल के भीतर 100 दिनों की रोजगार गारंटी दी जाती है।