लखनऊ:एक बाद फिर से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) हैक किए जाने का मुद्दा उठाने के बाद राजनीतिक गर्माहट बढ़ गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती ने ईवीएम विवाद पर तुरंत ध्यान देने एवं अगला लोकसभा चुनाव मत पत्र से कराने की मांग की है। वहीं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) भी ईवीएम के विरोध में खड़ी है।
हैकिंग का दावा नजरअंदाज नहीं
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ईवीएम की भूमिका पर मंगलवार को सवाल उठाते हुए कहा कि ईवीएम व्यवस्था ठीक है तो जापान जैसे विकसित देश इसे इस्तेमाल क्यों नहीं करते? उन्होंने कहा कि लोकतंत्र पर जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए हैकिंग का दावा करने वाले साइबर विशेषज्ञ को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
वोट हमारा राज तुम्हारा, नहीं चलेगा
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी कहा कि साइबर विशेषज्ञ के चुनावों में धांधली के दावे से ईवीएम विवाद को षडयंत्रकारी बना दिया है। मंगलवार को जारी बयान में उन्होंने मत पत्रों से मतदान कराने की मांग दोहराते हुए कहा, ‘वोट हमारा राज तुम्हारा, नहीं चलेगा। ‘ उन्होंने कहा कि साइबर विशेषज्ञ द्वारा यह दावा करना कि 2014 में लोकसभा चुनाव के अलावा उत्तर प्रदेश, गुजरात व दिल्ली के पिछले विधान सभा चुनावों में धांधली हुई थी, का संतोषजनक समाधान जरूरी है। मायावती ने कहा कि निष्पक्ष चुनाव के लिए मतपत्रों द्वारा मतों के सत्यापन की बेहतर व्यवस्था संभव है जबकि ईवीएम में ऐसे सत्यापन की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। इसलिए आयोग को आगामी लोकसभा चुनाव मतपत्रों से ही कराना चाहिए। केंद्र सरकार पर अहंकारी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ईवीएम विवाद की उचित जांच कराने की भाजपा से उम्मीद नहीं की जा सकती है। ऐसे में चुनाव आयोग की भूमिका अहम हो जाती है। देश की जनता आशंकित और भयभीत हो गई है। उसे लगने लगा है कि उसका वोट अब अपना नहीं रहा।
लोकतंत्र में जनता का भरोसा जरूरी
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने भी ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब अधिकतर दलों को वोटिंग मशीनों पर एतराज है तो बैलेट पेपर से चुनाव कराने में क्या डर है? लोकतंत्र में जनता का भरोसा बनाए रखना ही सबसे जरूरी है।