लखनऊ:नोएडा में सार्वजनिक पार्कों में नमाज पढऩे से रोकने का मुद्दा तूल पकड़ चुका है। बसपा, सपा, प्रसपा, सुभासपा जैसे तमाम राजनीतिक दलों के विरोध जताने के बीच कांग्रेस ने भी नमाज संबंधी सरकारी फरमान पर आक्रोश जताया है। कांग्रेस ने सार्वजनिक पार्कों में बिना अनुमति संचालित होने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं पर सवाल उठाते हुए सामाजिक विघटन के विचार थोपने का आरोप लगाया। साथ ही RSS की इन शाखाओं पर रोक लगाने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि नोएडा के कई पार्कों में लोग हर शुक्रवार को नमाज अदा करने के लिए आते हैं।
संपूर्णानंद का पुलिस महानिदेशक को पत्र
गत दिवस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के निर्देश पर विचार विभाग से संयोजक संपूर्णानंद द्वारा पुलिस महानिदेशक द्वारा लिखे उस पत्र पर एतराज जताया है, जिसमें सभी संस्थानों व कार्यालयों को निर्देश दिए है कि उनके यहां कार्यरत कर्मियों को परिसर के भीतर और बाहर स्थित सार्वजनिक पार्कों में नमाज पढऩे से रोका जाए। पत्र में उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2009 में दिए उस फैसले का जिक्र किया गया है। जिसमें सरकारी कर्मियों और राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने को कहा गया है।
संघ शाखाओं में समाजिक विघटन के विचार
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में सार्वजनिक पार्कों में अनुमति लिए बिना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाएं संचालित हो रही है। शाखाओं में समाजिक विघटन के विचार व्यक्त किए जाते है। उन्होंने कहा कि नोएडा पुलिस द्वारा पार्कों में नमाज पढऩे से रोकने को कहा गया जबकि कहना चाहिए था कि बिना अनुमति किसी समुदाय को धार्मिक व राजनीतिक गतिविधियां नहीं करने दी जाएं। ध्यान रहे कि नमाज मामले को लेकर बसपा मामले में कड़ा विरोध दर्ज करा चुकी है। कांग्रेस भी आक्रोशित है। भाजपा सरकार के मंत्री ओम प्रकाश भी इसे गलत बता रहे हैं। सपा की नजर में सरकार का जनता के प्रति एक समान व्यवहार नहीं है। प्रसपा इसे निजी आस्था पर हमला करार दे रही है। हालांकि, अल्पसंख्यक आयोग इस फैसले को जायज करार दे रहा है।