फर्रुखाबाद:जैन समाज के इंद्रध्वज महामंडल विधान में आये जैन शास्त्री पुष्पेन्द्र उर्फ़ (भईया जी) ने विवादित वयान दिया है| उन्होंने कहा कि हनुमान जी व श्रीराम ने जैनधर्म का पालन किया था| इस लिए वह हनुमान जी व श्रीराम जैन धर्म से थे| उन्होंने यह भी दावा किया है कि इसका प्रमाण उनके धार्मिक ग्रंथों में मिलता है|
नगर के सधवाडा स्थित श्रीनेमिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर में चल रहे इंद्रध्वज महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ में शामिल होने दिल्ली से आये जैन समाज के अध्यात्मिक गुरु प्रतिष्ठाचार्य ने रविवार को दोपहर पत्रकारों से बात की| जिसमे उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अहंकार में नही जीना चाहिए जो व्यक्ति अहंकार में जीता है उस व्यक्ति का नास हो जाता है| रावण के पास सोने की लंका थी लेकिन उसका विनाश हो गया| श्रीराम के पास विनम्रता थी| लोग पत्थरों के मकान में पैसा बहा रहे है लेकिन दिलों के मकान गिर रहे है|
इस दौरान उन्होंने कहा वर्तमान में देश में अत्याचार,अराजकता का माहौल है| इसके लिए अध्यात्म ही एक मात्र साधन है जो की इन सब से मुक्ति दे सकता है|
उन्होंने कहा जिसको हम मानते है वह पूज्यनीय है| उन्होंने कहा हनुमान जी व श्रीराम ने जैन धर्म का पालन किया| वह जैन धर्म से सम्बन्ध रखते थे| उन्होंने कहा कि इसका प्रमाण जैन धर्म के पदम पुराण में मिलाता है| इस दौरान राहुल जैन आदि रहे|