फर्रुखाबाद:प्रदेश की सत्ता पर आसीन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में गायों की लगातार अकाल मौत जारी है| प्रशासन सिर्फ कोरी बयानबाजी कर रहा है| राजनीतिक लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हुए हैं| सत्ताधारी अपना वोट बैंक देखने में लगे है| और वहां जाने की जहमत नही उठा रहे| लेकिन मुद्दे की बात यह है कि लाख प्रयास के बाद भी अभी तक कटरी धर्मपुर के गौसदन में गायों के चारे की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ है| गाय जैसे पहले भूखी थी वैसे आज भी भूखी ही है| लेकिन योगी सरकार का जिला प्रशासन यह मानने को तैयार ही नहीं कि गाय भूख से मर रही हैं| बीते तकरीबन 2 महीने पहले जिलाधिकारी मोनिका रानी के आदेश पर नगर पालिका ने आवारा गायों को पकड़ कर थाना मऊदरवाजा क्षेत्र के कटरी धर्मपुर के गौसदन में बंद कर दिया था| तब से अब तक लगभग 70 गाय अकाल मौत मर रही है| वही उनकी लगातार अकाल मौत का सिलसिला जारी है| जिस देश में गाय को मां का दर्जा दिया जाता है उसी देश में गाय भूखी होने पर आंसू बहा रही है| भूखी गाय माता को पेट भर चारा तक इस भगवा सरकार में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है| प्रशासन अपने पास बजट ना होने का रोना रो रहा है| लेकिन सरकार इस तरफ अपनी नजरें इनायत नही कर रही है| ना ही कोई सत्ताधारी जनप्रतिनिधि खुलकर गायों के बारे में बोलने को तैयार है|
बीते एक दिन पूर्व सांसद मुकेश राजपूत ने गौदन का दौरा किया था लोगों को यह आस जगी थी कि शायद सांसद के कदम गौ सदन में पडने से गायों की दशा में कोई सुधार होगा| लेकिन सांसद के जाने के बाद ही पता चला की वह भी गायों को गुड खिलाकर मीठी राजनीति करके चले गये| इसके जाने के बाद ही चार गाय और गौवंशों की मौत इस बात का उदाहरण है कि प्रशासन किस तरह से गायों की देखभाल कर रहा है| जिले से कोई भी सामाजिक व राजनितिक संगठन इस तरफ पहल करने का मन नहीं बना रहे हैं| जबकि धर्म का ठेका लेने वालों की संख्या कितनी है इसका कोई भी आंकड़ा किसी के पास नहीं| भूख से तडप रही गायों को सुध लेने की फुर्सत ना ही सरकार को है ना ही जिला प्रशासन को सामाजिक संगठन भी खुलकर इस तरफ अपना रुख अख्तियार नहीं कर पा रहे हैं|
वर्तमान में गौसदन में कोई भी गाय या गौवंश इस हालत में नही होगा जो बीमार ना हो|