नई दिल्ली:सरकार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के आठ राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर टोल ठेकों के दूसरे चरण में 10,000 करोड़ से अधिक आय की उम्मीद कर रही है। राजमार्गो से कमाई करने यानी मौद्रीकरण (मोनेटाइजेशन) योजना के दूसरे दौर के अंतर्गत ये टोल ठेके राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल और गुजरात से गुजरने वाली लगभग 587 किमी समग्र लंबाई वाली आठ परियोजनाओं के तहत दिए जाएंगे।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि जिस तरह पहले दौर में उम्मीद से डेढ़ गुना राशि हासिल हुई थी, उसे देखते हुए दूसरे चरण से दस हजार करोड़ से अधिक राशि प्राप्त होने की आशा है। वे इन परियोजनाओं के प्रति निवेशकों की शंकाओं के समाधान को एनएचएआइ द्वारा मुंबई में आयोजित रोड शो के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।
पहले चरण में गुजरात और आंध्र प्रदेश की नौ सड़क परियोजनाओं (681 किमी) के टीओटी ठेकों से एनएचएआइ को 9,681 करोड़ की राशि प्राप्त हुई थी। ये सभी ठेके ऑस्ट्रेलिया की कंपनी मकोरी को मिले हैं। दूसरे चरण में एनएच-31 पर स्थित पूर्णिया-डलखोला (36.30 किमी), डलखोला-इस्लामपुर (51.97 किमी) तथा इस्लामपुर-घोषपुकुर (44 किमी) के अलावा एनएच-31सी पर स्थित सलसलाबारी-पश्चिम बंगाल असम सीमा (26.50 किमी) जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।
इनके अलावा गुजरात में एनएच-151 पर स्थित जेतपुर-सोमनाथ खंड (102.26 किमी) तथा एनएच-27 पर स्थित चित्तौड़गढ़-कोटा और कोटा बाईपास (160.50 किमी) तथा स्वरूपगंज-पिंडवाड़ा, पिंडवाड़ा-उदयपु (120.02 किमी) तथा पालनपुर खेमना-आबू रोड (45 किमी) परियोजनाओं के टोल ठेके भी दूसरे चरण में उठाए जाएंगे। इनका संबंध गुजरात और राजस्थान से है।
टीओटी (टोल-ऑपरेट एंड ट्रांसफर) मॉडल के तहत तैयार हो चुके राजमार्ग खंडों के दीर्घकालिक टोल ठेके देकर एनएचएआइ कंपनियों से अग्रिम रकम हासिल करता है।