फर्रुखाबाद:दीपावली के बाद भाई दूज उल्लास से मनाया गया। ट्रेनों और बसों में उमड़ी भारी भीड़ ने यह बता दिया कि परेशानियों के बावजूद भी भाई-बहन के बीच मनाए जाने वाले त्योहारों की मिठास में कोई कमी नहीं आई है। कहीं बहनें भाइयों को तिलक करने के लिए बस और ट्रेन में जगह पाने की जुगत करते रहे तो कहीं भाइयों के मन में बहन के घर समय से पहुंचने की ललक उन्हें भीड़ से लड़ने का हौसला देती नजर आई।
दीपावली के तीसरे दिन भाई दूज का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भाई के मस्तक पर बहन तिलक कर उसके सौभाग्यशाली होने और लंबी उम्र की कामना भी करती हैं। पौराणिक काल से इस त्योहार का महत्व रहा है और बदले दौर में भी इस दिन का विशेष महत्व है। शायद इसीलिए भाई-बहन कितने भी दूर हों, लेकिन इस त्योहार पर एक दूसरे के पास जरूर पहुंच जाते हैं। कुल मिला कर बहन का आशीर्वाद हासिल करने के लिए भाइयों ने खूब मुसीबतों का सामना किया। रेलवे स्टेशन पर आने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ दिखाई दी। इस भीड़ में अधिकतर ऐसे लोग ही शामिल थे जो भाई दूज पर टीका करने-कराने के लिए आए थे। बहनों ने भी भाइयों तक पहुंचने में आईं सभी बाधाओं को पार करने की न सिर्फ कोशिश की, बल्कि सफलता भी पाई। नगर के लाल दरवाजा रोडवेज बस अड्डे पर बस में चढ़ने को लेकर लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ी। रोडवेज बसों में सीट मिलना तो बहुत मुश्किल था, परेशानी तब बढ़ी जब बस में चढ़ने के लिए भी लोगों को परेशान होना पड़ा।
धरे रह गए दावे : हर वर्ष दीपावली के मौके पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए राज्य सड़क परिवहन निगम की ओर से विशेष इंतजाम किए जाते थे। इस बार भी इंतजाम किए जाने का दावा तो रोडवेज की ओर से किया गया था, लेकिन बसों में चढ़ने के लिए जिस तरह से यात्रियों को जद्दोजहद करनी पड़ी, उसने व्यवस्थाओं की पोल भी खोल दी। देर शाम तक अलग-अलग गंतव्य स्थलों के यात्री बसों के इंतजार में रोडवेज बस अड्डे पर बैठे रहे।
डग्गामारों की रही चांदी : त्योहार के चलते डग्गामार वाहनों की चांदी रही। इन वाहनों ने क्षमता से अधिक यात्रियों को अपने-अपने वाहनों में बैठाया तो यात्री बाहर भी लटके नजर आए। इस सबके बीच दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बनी रहीं। डग्गामार वाहनों ने निर्धारित किराए से अधिक किराया भी वसूला।
एआरएम रोडबेज विनोद गंगवार ने बताया की दिल्ली जाने के लिये 42 बसों की जगह पर 60 बसों को लगाया गया है| वही हर मार्ग पर बसों का चक्कर बढा दिया गया| भीड़ मुख्य मार्गों पर जाम होने के चक्कर में दिखाई दी|