फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला)आज भले ही रामलीला को देखने वाले लोगों में उतना चाव नही है| लेकिन रामलीला का मंचन करने वाले कलाकारों की मंच के प्रति गंभीरता में कोई कमी नही आयी है| श्रीराम लीला मंडल के मटर लाल दुबे है| इसके साथ लगभग 90 प्रतिशत कलाकार युवा ही है| फिर चाहे वह श्रीराम का किरदार हो या फिर रावण का सभी में लीला के मंचन के साथ-साथ अपने जीवन में भी कुछ कर गुजरने की चाह है| कड़ी मेहनत कर लोगों को अध्यात्म से जोड़ने वाले इन कलाकारों के भीतर झांक कर जब जेएनआई टीम ने देखा तो उनके हौसले को देखकर आश्चर्य हुआ| कुछ क्या अधिकतर कलाकार पढ़ाई कर रहे हैं तो कुछ नौकरी या अन्य व्यवसाय भी कर रहे है| रामलीला शुरू होने से करीब डेढ़ महीना पहले ये कलाकर रिहर्सल करना शुरू कर देते हैं।
रामलीला के श्रीराम बनना चाहते है जिलाधिकारी
श्रीराम का किरदार मोहल्ला खतराना निवासी भानु दुबे के पुत्र अमन दुबे अदा कर रहे है| वह सरस्वती शिशु मन्दिर सेनापति में कक्षा 9 के विधार्थी है| अमन ने बताया की वह लीला मंचन के साथ ही दिन रात पढ़ाई में रहते है| उनका सपना जिलाधिकारी बनना है| जिसके लिए वह पूरी मेहनत कर रहे है| वही प्रदीप मिश्रा के पुत्र यश मिश्रा भी खतराना मोहल्ले के रहने वाले है| वह दिन में राम का किरदार निभाते है| उनके पिता प्रदीप दवा प्रतिनिधि का कार्य करते है| यश का कहना है कि वह भविष्य में पढाई करके चिकित्सक का कार्य कर समाज की सेवा करना चाहता हूँ| दोनों भानु व यश का कहना है की यह किरदार निभाने में आनन्द मिलता है| किसी भी विपत्ति के समय मुझे श्रीराम याद आते हैं। रामलीला के बाद भी पूरे साल मैं राम के किरदार को जीता हूं। हर वक्त उनसे सीखता रहता हूं।
सीता बनना चाहती है साफ्टवेयर इंजीनियर
श्रीराम लीला मंडल के लीला मंचन में सीता का किरदार निभा रहे रमेश दुबे के पुत्र शौर्य दुबे सेनापति मोहल्ले के रहने वाले है| उनके पिता नेहरु रोड पर एक होटल में मैनेजर का कार्य करते है| शौर्य खडियाई स्थित आल सेंट कान्वेंट स्कूल में कक्षा 5 में पढाई कर रहे है| सीता का किरदार करने वाले शौर्य का कहना है की वह भविष्य में मेहनत कर साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते है| वही उनके भाई प्रतीक दुबे इसी राम लीला में भरत का किरदार निभा रहे है| प्रतीक भी शौर्य के विधालय में ही कक्षा 6 की पढ़ाई कर रहे है| प्रतीक का कहना है की वह पढ़ाई करके आईएएस बनना चाह रहे है|
लक्ष्मण पुलिस अधीक्षक बनने का कर रहे प्रयास
श्रीराम लीला मंडल के संरक्षक मटन लाल दुबे के पुत्र स्कंद दुबे केन्द्रीय विधालय फ़तेहगढ़ में कक्षा 7 की पढाई कर रहे ह| स्कंद का मानना है की स्वास्थ्य व्यवस्था खराब है| गरीबो को इलाज नही मिल पाता है| सरकारी आस्प्तालों की व्यवस्था संतोष जनक नही है| इस लिये सीएमओ बनकर सरकारी व गैर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरस्त करने का काम करेंगे| इस लिए वह पढ़ाई में भी मंचन के साथ मन लगा रहे है| वही नितगंजा दक्षिण निवासी अंशु त्रिपाठी पुत्र मनोज त्रिपाठी भी लक्ष्मणका किरदार निभा रहे है| वह शहर के मदर टेरेसा विधालय में कक्षा 6 की शिक्षा ले रहे है| अंशु बीते चार वर्षों से लगातार लक्ष्मण का निरदार निभा रहे है| अंशु का कहना है कि वह वह एसपी बनाना चाहते है| इसके लिए पढाई पर पूरा ध्यान देंते है|
रावण बाजार में करते दवा का व्यापार
दवा प्रतिनिधि का कार्य करने वाले नुनहाई कटरा निवासी आंशिक दीक्षित रावण का किरदार निभाते है| यह किरदार वह बीते तीन वर्षों से निभा रहे है| इससे पूर्व वह रामआदि का भी किरदार निभा चुके है| हमें अपनी बुराइयों को जलाना चाहिए। शंकर से संवाद में रावण कहते हैं कि तुमने मेरा शरीर तामसी बना दिया है, जिससे मैं पूजा-पाठ नहीं कर पाता। राम से दुश्मनी ही मेरी मुक्ति का साधन है।
सत्यम को याद है रामायण की एक-एक चौपाई
खतराना निवासी सत्यम दीक्षित पुत्र सतेन्द्र ने बताया की वह रामलीला मंचन के दौरान व्यास का किरदार निभाते है| बीते दस वर्षों से रामलीला की सेवा में लगे सत्यम पहले राम का किरदार निभा चुके| उसके बाद व्यास का किरदार निभा रहे है| सत्यम का कहना है की रामचरित मानस की अधिकतर चौपाई उन्हें याद है|
श्रीराम लीला मंडल के मटर लाल दुबे ने बताया की पूरे राम लीला के मंचन में लगभग 30 किरदार रहते है| इस बार काली का अखाडा भी शामिल है| जिसमे 25 किरदार होंगे|