फर्रुखाबाद: बीती देर रात बैरक के भीतर हुए विवाद के बाद हत्यारोपी कैदी ने ईंट से कुचलकर वृद्ध कैदी को गम्भीर रूप से जख्मी कर दिया| उसे उपचार के लिये कानपुर ले जाया जा रहा था| तभी उसकी रास्ते में मौत हो गयी|
जनपद कानपुर देहात हरिराम पुरवा मुबारकपुर लाटा निवासी 73 वर्षीय गौरीशंकर व उनके भाई किशन 4 सितम्बर 2005 से सेन्ट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे| गौरीशंकर की पत्नी की मौत के बाद दोनों भाईयों को आजीवन कारावास की सजा दी गयी थी| जिस बैरक नम्बर एक में गौरीशंकर व उसका भाई बंद था उसी बैरक में जनपद फ़तेहपुर के अशोक नगर कुसुम्बी व वर्तमान में फतेहपुर देवीगंज भिखारीपुर निवासी हत्या के आरोप में चंद्रहास पाण्डेय पुत्र शिवराम पाण्डेय बंद था| जिकसी कैदी संख्या 26581 है| बैरक में 164 नम्बर बेड पर गौरी शंकर व 165 नम्बर बेड पर आरोपी चंद्रहास सोया हुआ था| गौरी शंकर के दो बैड बाद ही उसका भाई किशन भी सो रहा था| देर रात लगभग 3 बजे गौरी शंकर व चंद्रहास में कुछ विवाद हुआ| उसी दौरान चंद्रहास ने जय काली कहते हुये बैरक से ईंट उठाकर गौरी शंकर के सिर में मार दी| जिससे गौरी शंकर लहुलुहान हो गये|
सूचना मिलने पर जेल प्र्शासन के हाथ पैर फूल गये| गम्भीर हालत में बंदी को लोहिया अस्पताल भेजा गया| जंहा 4:15 बजे उसे भर्ती किया गया| लेकिन हालत गम्भीर होने पर डॉ० राजकिशोर ने उसे कानपुर के लिये रिफर कर दिया| उपचार के लिए जाते समय रास्ते में गौरी शंकर मौत हो गयी| आरोपी चंद्रहास बीते फरवरी 2016 को सेन्ट्रल जेल में सजा काटने आया था| घटना के सम्बन्ध में जेलर पीके सिंह ने पुलिस को तहरीर दी|
26 जनवरी को होनी थी मृतक कैदी की रिहाई
सेन्ट्रल जेल में मौत के घाट उतारे गये कैदी गौरी शंकर की रिहाई आगामी 26 जनवरी को की जानी थी| उसका सूची में नाम भी था| लेकिन जेल से रिहाई के लगभग तीन महीने पूर्व ही गौरी शंकर की हत्या कर दी गयी|
कानपुर परिक्षेत्र के डीआईजी जेल वीपी त्रिपाठी ने जेएनआई को बताया कि कोई बड़ा विवाद नही हुआ| अचानक गौरीशंकर के सिर में ईंट आरोपी ने मार दी| जिसेक बाद उसकी उपचार के दौरान मौत हो गयी| मृतक की 26 जनवरी को रिहाई होनी थी|कोतवाल फ़तेहगढ़ झाँझन लाल सोनकर ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया है| जाँच की जा रही है|