कुंडा:विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के पार्टी बनाने की कयासबाजी बुधवार को और तेज हो गई। बताया जा रहा है कि राजा भैया की तरफ से उनके नजदीकी लोगों ने दिल्ली में चुनाव आयोग को नई पार्टी बनाने का आवेदन किया है। पार्टी के लिए तीन नाम भी दिए गए हैं।
नजदीकी सूत्रों के अनुसार, राजा भैया की पार्टी का नाम जनसत्ता दल हो सकता है। इसके अलावा नवरात्र में अष्टमी से पहले राजा भैया लखनऊ में नई पार्टी के गठन की घोषणा भी कर सकते हैं। हालांकि इस मामले में खुद राजा भैया व उनके करीबी लोगों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। सभी का कहना है कि कुछ दिनों में इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी।
दरअसल राजा भैया की इस कवायद को सवर्णों को लामबंद करने की मुहिम के रूप में देखा जा रहा है। राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से हुए मतभेद के बाद से ही वह नई सियासी जमीन तलाश रहे हैं। कहा जा रहा है कि सपा से रिश्ते खराब होने के बाद राजा भैया का यह बड़ा सियासी दांव है। वह लगातार आठवीं बार विधायक हैं। 1993 से वह कुंडा से निर्दलीय जीतते आ रहे हैं।1997 में भाजपा सरकार में वह पहली बार मंत्री बने थे। 2002 में बसपा सरकार में विधायक पूरन सिंह बुंदेला को धमकी देने के आरोप में उन्हें जेल जाना पड़ा था। बाद में मुख्यमंत्री मायावती ने उन पर पोटा लगा दिया था। करीब 18 महीने वह जेल में रहे। 2003 में मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद राजा भैया के ऊपर से पोटा हटा लिया और उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया, तब से वह लगातार सपा के साथ थे।