आगरा: खंदौली में जनसभा की अनुमति न मिलने पर मंगलवार को मीडिया के सामने अपनी बात रखने पहुंचे अखंड भारत एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस लाइन में कई घंटे रखने के बाद शाम को समर्थकों समेत रिहा कर दिया।
एससी/एसटी एक्ट को लेकर केंद्र सरकार ने पिछले दिनों विधेयक पारित किया है। इसके विरोध में छह सितंबर को भारत बंद के बाद खंदौली में महापंचायत हुई थी। अखंड भारत एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवकी नंदन ठाकुर ने मंगलवार को खंदौली में जनसभा की अनुमति मांगी थी। प्रशासन ने अनुमति नहीं दी और जनसभा स्थल पर फोर्स तैनात कर दिया। देवकीनंदन ने अपनी बात रखने को दोपहर में रेस्टोरेंट में प्रेसवार्ता बुलाई।
सीओ अभिषेक फोर्स के साथ वहां पहुंचे और देवकीनंदन को हिरासत में ले लिया। इस पर समर्थकों में आक्रोश फैल गया। हंगामे की आशंका पर पुलिस-पीएसी की कई गाडिय़ां वहां पहुंच गईं। उन्हें एक घंटे तक रेस्टोरेंट में रोके रखा। पुलिस देवकी नंदन को पुलिस लाइन लाने लगी तो एक दर्जन से अधिक समर्थक भी जबरन पुलिस की गाड़ी में सवार हो गए। कई घंटे बाद पुलिस ने उन्हें समर्थकों के साथ छोड़ दिया। एसएसपी अमित पाठक का कहना है कि देवकीनंदन को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था।
शांतिपूर्ण आंदोलन का आह्वान : देवकी नंदन ने प्रेसवार्ता में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन का आह्वïन किया। समर्थकों से कहा कि सरकारी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि सरकार के सामने शांतिपूर्ण तरीके से बात रखना चाहते हैं।
मंगलवार को दोपहर अचानक पुलिस को सूचना मिली कि देवकी नंदन कमला नगर के एक रेस्टोरेंट में पत्रकारों से वार्ता कर रहे हैं। देवकी नंदन यहां मीडिया के माध्यम से प्रशासन और सरकार को अल्टीमेटम देने की बात कह रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि सभा की अनुमति नहीं दी। उन्होंने खुला ऐलान किया कि एससी एसटी एक्ट के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। भागवताचार्य ने सरकार को दो माह का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि जैसा था वैसा हो जाए, नहीं तो कड़ा आंदोलन चलाएंगे। तभी भारी संख्या में पहुंचे पुलिस बल ने देवकी नंदन को हिरासत में ले लिया।
इस बाबत एसएसपी अमित पाठक का कहना है कि देवकी नंदन को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। आगरा आने के उनके उद्देश्य के बारे में जाना जा रहा है। जांच चल रही है कि कहीं उन्होंने कोई भड़काऊ बात तो नहीं कही। बता दें कि मथुरा में एक संगठन बनाकर उन्होंने आंदोलन का ऐलान किया था। जिसके चलते मथुरा प्रशासन ने उन्हें नोटिस दे दिया था। वृंदावन में हुए विप्र महाकुंभ के आयोजकों में भी वे शामिल रहे।
राजनीति में आने के संकेत:
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के इस कदम को उनके राजनीति में आने के संकेतों से भी जोडा जा रहा है। एससी-एसटी में संशोधन के खिलाफ वे पिछले कई दिनों से मुखर हैं। चंद दिन पहले मध्यप्रदेश के ग्वालियर में भी इस मामले में खुला विरोध प्रदर्शित कर के आए थे।