नई दिल्ली:कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ उनके दिए अजीबोगरीब बयानों का चोली-दामन का साथ है। कभी वो लोकसभा में खुद को पप्पू कहने से नहीं चूकते हैं तो कभी मोदी के गले पड़ जाते हैं। इनसे भी आगे निकलकर वह सदन में आंख मार देते हैं। इसके अलावा बाद में वो ये भी बयान देने से चूकते हैं कि पीएम मोदी के गले लगने से उनकी ही पार्टी के लोग नाराज थे। बहरहाल, पार्टी अध्यक्ष की इन हरकतों को क्या कहा जाएगा और इसका जनता कैसे आंकलन करेगी ये तो वक्त ही बताएगा। वह भी तब जबकि लोकसभा चुनाव में कम समय बचा है और इसी वर्ष छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं।
आपको यहां पर पहले ये बता दें कि फिलहाल राहुल गांधी जर्मनी गए हुए हैं। वहां पर बर्लिन में उन्होंने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के कार्यक्रम में भाषण भी दिया। इसी दौरान उन्होंने कुछ ऐसी बातें कह दीं जिसपर अब देश में राजनीतिक स्तर पर बवाल मचा हुआ है। सबसे बड़ा बवाल उनके आईएसआईएस वाले बयान पर है। इसको लेकर भाजपा पूरी तरह से आक्रामक हो चुकी है। दरअसल, राहुल गांधी ने इस आतंकी संगठन का उदाहरण देते हुए कहा कि विकास प्रक्रिया से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर रखने से दुनिया में कहीं भी आतंकवादी संगठन पैदा हो सकता है। अब भाजपा उनसे इसपर जवाब मांग रही है। उन्होंने ये भी कहा कि ’21वीं सदी में लोगों को बाहर रखना काफी खतरनाक है। अगर आप 21वीं सदी में लोगों को कोई विजन नहीं देते तो कोई ओर देगा और विकास प्रक्रिया से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर रखने का यह असली खतरा है।’
विदेशों में अक्सर राहुल गांधी सरकार की आलोचना और इससे इतर भी बयान देते रहे हैं। आइये उनके कुछ ऐसे ही बयानों पर नजर डालते हैं।अक्टूबर 2016 में तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वह सेना के खून के पीछे छिपकर दलाली कर रहे हैं। सेना को अपना काम करने दें और वह अपना काम करें।
मार्च, 2016 में राहुल ने कहा जब पीएम नरेंद्र मोदी नवाज शरीफ से मिलने पाकिस्तान जाते हैं तो जम्मू-कश्मीर का काम खराब कर देते हैं। इसी दौरान उन्होंने ‘फेयर एंड लवली’ योजना का जिक्र किया था।
अप्रैल, 2015 में राहुल ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा था, यह सरकार बड़े लोगों वाली सूट-बूट की सरकार है।
वर्ष 2014 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के महिला सम्मेलन में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘जो लोग आपको मां-बहन कहते हैं, मंदिर जाते हैं, देवी को पूजते हैं वही बस में महिलाओं को छेड़ते हैं’।
अक्टूबर 2013 में दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित दलित अधिकार सम्मेलन में दलितों के उत्थान पर राहुल गांधी का ‘इस्केप वेलोसिटी’ सिद्धांत वाला भाषण बेहद चर्चित रहा। उन्होंने कहा कि वो वेलोसिटी जो आपको एक ग्रह से स्पेस तक पहुंचने के लिए चाहिए, उसे इस्केप वेलोसिटी कहते हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि दलितों को ऊपर उठने के लिए धरती से कई गुना ज्यादा बृहस्पति ग्रह की ‘इस्केप वेलोसिटी’ जैसी ताकत की जरूरत है।
6 अगस्त, 2013 को इलाहाबाद के गोविन्द बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के कार्यक्रम में राहुल गांधी ने गरीबी को मानसिक स्थिति यानी दिमागी हालत करार दिया था। उनका कहना था कि गरीबी का खाना खाने, रुपये और भौतिक चीजों से कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक कोई शख्स खुद में आत्मविश्वास नहीं लाएगा तब तक वह गरीबी के मकड़जाल से बाहर नहीं निकल पाएगा।
राजस्थान के चुरु में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, कि भाजपाई मुजफ्फरनगर में आग लगा देंगे, यूपी, गुजरात और कश्मीर में आग लगा देंगे और फिर हमें और आपको वो आग बुझानी पड़ती है। इससे देश का फायदा नहीं बल्कि नुकसान होता है, लोग मरते हैं, इससे गुस्सा पैदा होता है।
16 अप्रैल, 2007 को एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा, ‘एक बार मेरा परिवार कुछ करने का फैसला कर ले तो उससे पीछे नहीं हटता है। फिर वह भारत की आजादी का मसला हो या फिर पाकिस्तान का बंटवारा या फिर भारत को 21वीं सदी में ले जाने की बात। राहुल गांधी इससे पहले गुजरात को यूनाइटेड किंगडम से बड़ा बताने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका और यूरोप को मिला दें तो भी भारत उससे बड़ा है।
अगस्त 2013 राहुल गांधी ने कहा कि अगर देश कम्प्यूटर है, तो देश इसका डिफॉल्ट प्रोग्राम है में सोशल मीडिया पर कांग्रेस के वर्कशॉप के दौरान राहुल गांधी ने यह बयान दिया था।