फर्रुखाबाद: 7 अगस्त को विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान जिला महिला अस्पताल में स्तनपान के महत्त्व को समझाने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया| जिसमे नवजात को स्तनपान कराने के लाभ को प्रमुखता से समझाया गया|
लोहिया अस्पताल की महिला ओपीडी में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ० शिवाशीष उपाध्याय ने महिलाओं व प्रसुताओ को स्तनपान से नवजात के लिये होने बाले लाभों के विषय में अवगत कराया| उन्होंने बताया कि माँ के प्रथम दूध में मौजूद पोषक तत्व और एंटीबॉडी बच्चे को दीर्घजीवी और निरोगी बनाने में का कार्य करते हैं| माँ जन्म के प्रथम घंटे में स्तनपान से वंचित बच्चों में बीमारी की सम्भावना अधिक होती है और उनकी रोग.प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है| विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं यूनिसेफ के अनुसार उत्तरप्रदेश में औसतन 25 प्रतिशत बच्चे जन्म के एक घंटे के अन्दर माँ का स्तनपान नहीं कर पा रहे हैं|उन्होंने क़ि माँ को जन्म के बाद उन महत्वपूर्ण मिनटों में स्तनपान कराने के लिए चिकित्सा विभाग के कर्मियों और परिवारीजनों को भी समर्थन करना चाहिए ताकि बच्चे को जन्म के तुरन बाद स्तनपान कराया जा सके|
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ०स्वेता तिवारी ने बताया कि स्तनपान कराने वाली धात्री माँ को प्रत्येक स्तर पर पूर्ण सहयोग प्रदान करके ही हम स्वस्थ शिशु की कल्पना कर सकते हैं| इसके लिए जरुरी है कि परिवार समुदाय और कार्य स्थल सभी स्थानों पर माँ को पूर्ण सहयोग दिया जाए| तथा उसे छह माह तक केवल स्तनपान कराने हेतु प्रेरित किया जाए| इसके साथ ही आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी घर.परिवार में जाकर धात्री माँ और शिशु को स्तनपान कराने में मदद करें|
उन्होंने कहा क़ि आंगनबाड़ी केंद्र पर या ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर प्रसव पूर्व और प्रसवोत्तर सत्र के दौरान भी माताओं को स्तनपान के महत्त्व की जानकारी दे सकती हैं| विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान स्तनपान को हर स्तर पर बढ़ावा देने का प्रयास किया जाना चाहिए| वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा पोषण अभियान की शुरुआत की गयी है| इस अभियान के अंतर्गत भी स्तनपान और ऊपरी आहार को अत्यंत महत्वपूर्ण गतिविधियों के रूप में चिन्हित किया गया है| माँ कार्यक्रम को आधार मानते हुए हर साल की भांति इस वर्ष भी हम सभी को व्यक्तिगत रूप से इस सप्ताह में स्तनपान के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना है| .इस दौरान आरके,एसके कोऑर्डिनेटर चंद्रपाल सिंह, परवीन,अनीता,रामबेटी व रूबी आदि मौजूद रहे |