फर्रुखाबाद: जिला पंचायत कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे सांसद मुकेश राजपूत के बुलाने पर भी कई कर्मचारी काफी देर तक नहीं आये। नाराजगी जाहिर करने पर इस तरह सामने पेश हुए कि जैसे वह उन्हें जानते नहीं। जबकि दस वर्ष तक जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर वह बने रहे और वही कर्मचारी थे, जो उस समय थे। इस पर सांसद ने कड़ी नाराजगी जाहिर की और एमए नरेन्द्र पाल सिंह कार्यालय में मौजूद न होने पर उन्हें फोन लगाकर कड़ी फटकार लगायी|
सांसद मुकेश राजपूत शनिवार दोपहर बाद अचानक जिला पंचायत कार्यालय जा पंहुचे| जंहा उन्होंने कहा कि अभी तक जो कुछ भी कार्यालय में चलता रहा, अब मनमानी किसी की नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि जो भी पैसा दिया जा रहा है, वह सही जगह और सही विकास कार्य में खर्च किया जाये। जबकि पंचायत में सब गोलमाल हो रहा है। इस पर एमए ने उन्हें बताया कि वह निरीक्षण करने गये हैं। इस दौरान एई ने संबंधित कर्मचारियों से सांसद को पत्रावलियां दिखाने को कहा। इस पर उन्होंने सबसे पहले जिन कामों के टेंडर मांगे गये हैं, उनकी पत्रावली दिखाने को कहा। काफी देर बाद लिपिक सर्वेश प्रस्ताव पुस्तिका लेकर पहुंचे। इस पर सांसद मुकेश राजपूत ने जिन कामों के टेंडर कराये जा रहे हैं, उसकी पुस्तिका मांगी, तो देखने पर पता चला कि उसमें सांसद, विधायक द्वारा दिये गये प्रस्तावों का जिक्र नहीं था।
यहीं नहीं कई जिला पंचायत सदस्यों के प्रस्ताव भी गायब थे। काफी देर तक जिला पंचायत कार्यालय में रुकने के बाद सांसद मुकेश राजपूत ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि सांसद, विधायकों के अलावा जो सदस्य बीजेपी के हैं या समर्थक हैं, उन सभी के प्रस्तावों को जिला पंचायत अध्यक्ष ने सपा नेता सुबोध यादव के कहने पर दरकिनार कर दिया और सबसे ज्यादा काम राजेपुर ब्लाक जहां से सुबोध यादव खुद प्रमुख हैं और अध्यक्ष के क्षेत्र में कराया जा रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कि वह भेदभाव कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पहले अनुरक्षण का काम होना चाहिए, उसके बाद नये, लेकिन एमए दबाव में अनुरक्षण का कार्य भूलकर नये कामों को करवा रहे हैं, जो बिल्कुल गलत है।