फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला) भ्रष्टाचार के मामले में नगरपालिका का नाम यूँ ही ऊँचाइयों पर नहीं है, इसके लिए नगरपालिका के जिम्मेदारों की विशेष भूमिका और योगदान है| पिछले दो अंकों में आपने नगरपालिका के जिस भ्रष्टाचार के बारे में पढ़ा था| आज आपके सामने करोड़ो का खेल करने का सीधा साबुत रख रहा हूँ|
नगरपालिका की 6 जनवरी को हुई बोर्ड की बैठक में जिन निर्माण कार्यों को करने के प्रस्ताव पास कराये गए थे| उनमे लगभग 1 करोड़ 20 लाख 10 हजार रु० के 17 कार्य (कल के अंक में प्रकाशित कार्यों को छोड़कर) ऐसे हैं जिनको 23 जून को हुई बोर्ड बैठक में भी पास करवा लिया गया..लेकिन भ्रष्टाचार को अंजाम देने के मकसद से सदन की कार्यवाही की कापी कई बार मांगने के बाद भी सदन के सदस्यों को उपलब्ध नहीं करायी गयी|..इस सम्बन्ध में प्रभारी ईओ एसडीएम् सदर से भी शिकरत हुई और उन्होंने कार्यवाही की प्रति दिलाने का वादा भी किया था किन्तु कोई निष्कर्ष नहीं निकला|
विशेष फैक्टरी में बनी ऊँचे दामों पर लगाने वाली सीमेंट ब्रिक जिले भर के नेताओं का गढ़ कहलाने वाले आवास विकास वार्ड संख्या 10 में नेताओ की नाक के नीचे निर्माण के ऐसे 17 कार्य हैं| 6 जनवरी को को पारित प्रस्तावों में प्रस्ताव संख्या 50 के क्रमांक 10 से लेकर क्रमांक 26 तक कुल 17 कार्य हैं| जिनकी अनुमानित लागत 1 करोड़ 20 लाख 10 हजार रु० है| इन्हीं प्रस्तावों को 23 जून को बोर्ड की बैठक में पुनः पास करवा लिया गया| 23 जून को पारित प्रस्तावों में प्रस्ताव क्रमांक 110 के क्रमक 83 से लेकर क्रमांक 98 तक व् क्रमांक 100 वही प्रस्ताव है जो 6 जनवरी को पास हो चुके थे|
इस सम्बन्ध में जब नगरपालिका में संपर्क किया गया तो बाबू से लेकर जेई तक कोई भी अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं है| क्योकि किसी के पास इसका कोई जबाव नहीं है| लेकिन इतना जरुर पता चला है कि ये खेल लम्बे समय से चल रहा था| इस मामले में कई मगरमच्छों की गर्दन फंसती नजर आ रही है|
(क्रमशः शेष नगरपालिका का भ्रष्टाचार के अगले अंक पढ़िए)