फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) जेल के बाहर हो या अंदर, हमेशा लोगों से घिरा रहने वाला कुख्यात सुनील राठी माफिया डॉन बजरंगी की हत्या के बाद तन्हा हो गया है। छत पर मंद गति से झूलते पंखे के नीचे एक दरी पर बैठा राठी हाई सिक्योरिटी बैरक की तन्हाई में दिन गुजर रहा है| उसकी तन्हाई बताती है कि वह किसी न किसी बात को लेकर बेहद परेशान है।जेल में उसे अपने कपड़े भी खुद ही धोने पड़ रहे है|
बागपत जेल में माफिया सुनील राठी की वीआईपी मुलाकात होती थी| सूत्रों के अनुसार बागपत जेल का जेलर भी उसकी बात अपने फोन से कराता था| इस बात की शिकायत बागपत जेल के डीएम से बंदी रक्षकों ने की थी| शिकायत करने वाले बंदी रक्षक ही दूसरी जेलों में बदली कर दिये गये थे| लेकिन मुन्ना बजरंगी की हत्या करने के बाद सुनील राठी के जेल में चल रहे शाही जीवन का फ़िलहाल अंत हो गया| बीते 14 जुलाई की रात जिस ठाठ से राठी सेन्ट्रल जेल आया था उसे यकीन था की अब उसे बागपत से भी बेहतर सुबिधायें सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ में मिलेगी |
लेकिन शासन के सख्त रुख के बाद उसके अरमानो पर पानी फिर गया| पहले उसके आते ही उसके कपड़े उतार कर उसे कैदियों वाले कपड़े पहनाये गये| उसके बाद उसे हाई सिक्योरिटी नम्बर 2 में रखा गया है| जेल सूत्रों के अनुसार जिस बैरक में उसे बंद किया गया है उस बैरक में लेटने के लिये एक दरी और एक चादर मिली है | कमरे की फर्श से कुछ ऊँचाई पर एक शौचालय है| नहाने के लिये एक बाल्टी व एक मग रखा गया है| वही दो जोड़ी कैदियों वाले कपड़े उसे दिये गये है| माफिया को वह कपड़े खुद ही धोने पड़ रहे है|
सुबह 6 बजे उसे नश्ता, लगभग 11:30 बजे उसे दोपहर का खाना व शाम के पचास यानी 5:30 बजे से पूर्व उसे शाम का खाना उपलब्ध कराया जाता है| शाम होते ही उसको लेटने के लिये दरी का सहारा लेना पड़ता है| रात भर वह उसी पर करवट बदलता रहता है|