औरैया|| उत्तर प्रदेश में एक शिक्षिका को मुख्यमंत्री मायावती को अपनी पारिवारिक समस्याओं से संबंधित प्रार्थना पत्र देना महंगा प़ड गया। शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री का सुरक्षा घेरा तो़डने और शिक्षण कार्य में रूचि न लेने के आरोप में उसकी सेवा समाप्त कर दी।
औरैया जिले के नौनिकपुर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर तैनात प्रीति पांडे ने रविवार को स्कूल का निरीक्षण करने आई मुख्यमंत्री मायावती को कथित रूप से अचानक एक प्रार्थना पत्र थमा दिया था।
सूत्रों के मुताबिक शिक्षामित्र के इस तरीके पर मुख्यमंत्री काफी नाराज हुई थीं और उन्होंने प्रार्थनापत्र कैबिनेट सचिव को थमाते हुए उन्हें क़डी फटकार लगाई थी।
मुख्यमंत्री का काफिला स्कूल से जाने के एक दिन बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने शिक्षामित्र को क़डी फटकार लगाते हुए बाद में उसे नौकरी से निकालने का फरमान सुना दिया।
जिले के उपबुनियादी शिक्षा अधिकारी जगदीश श्रीवास्तव ने गुरूवार को संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री का सुरक्षा घेरा तो़डने और शिक्षण कार्य में रूचि न लेने के आरोप में प्रीति की सेवा समाप्त कर दी गई है। उन्होंने इस मामले पर आगे कुछ भी कहने से इंकार किया।
उधर, शिक्षामित्र प्रीति ने गुरूवार को संवाददाताओं से कहा कि पति और ससुराल वालों से अपनी ननद सुलक्षणा की सुरक्षा की गुहार लगाने के लिए वह मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र देने गई थीं। उन्होंने आगे कहा, “”मेरी ननद ने कहा था कि अगर मैंने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र नहीं दिया तो वह खुदखुशी कर लेगी…मेरे सामने कोई रास्ता नहीं था…मुझे मुख्यमंत्री का सुरक्षा घेरा और प्रोटोकॉल के बारे में पता नहीं था।””