फर्रुखाबाद: समाजसेवा का लबादा ओढ़े जिले के शिक्षा माफिया पैसे कमाने के लिए छात्रो का उत्पीडन करने से बाज नहीं आ रहे है| जिले में बीएड की शिक्षा देने वाले कॉलेज अपने छात्रो का मानसिक उत्पीडन कर वसूली अभियान जारी रखे है| कॉलेज प्रबन्धन अवैध वसूली वापिस तो कर रहा है मगर सभी छात्रो ने फीस वापिस नहीं ली है| भय के कारण नाम न छापने की शर्त पर कुछ छात्रो ने जेएनआई को बताया कि प्रबन्धन से सभी छात्रो ने जबरन वसूली गयी रकम वापिस नहीं ली है| केवल कुछ छात्र ही अवैध वसूली वापिस ले रहे है| इसके पीछे जो कारण बताया वो काफी चौकाने वाला है| प्रबन्धन ने छात्रो को प्रायोगिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा में नक़ल कराने और अच्छे नंबर से पास कराने का लालीपॉप देकर एक और मानसिक दबाब छात्रो पर बना लिया है| केवल दो शिक्षको के सहारे 300 छात्रो को मिली शिक्षा के कारण बच्चे पूरा कोर्स भी विधिवत नहीं कर पाए| ऐसे में कम नंबर से पास होने का डर बीएड छात्रो को डरा है| और इसी के चलते वो अपना मुह (ग्रुप) समूह में तो खोल गए मगर एक एक कर प्रबन्धन से निपट पाने में लाचार हो गए है|
बीएड कॉलेज प्रबन्धन मानसिक दबाब बनाने में कामयाब
छात्रो ने जेएनआई से गुहार लगायी है कि यदि प्रशासन अपनी तरफ से पहल कर विश्विद्यालय से बीएड महाविद्यालयों से प्रायोगिक और मुख्य परीक्षा केंद्र हटा ले और परीक्षा केंद्र दूसरे कॉलेज में लगा दे तो इस अवैध वसूली से काफी हद तक निजाद पाई जा सकती है| छात्रो को डर है यदि उन्होंने आवाज उठाई और परीक्षा केंद्र वहीँ बने रहे तो कॉलेज कुछ भी कर सकते है और उनका भविष्य चौपट हो सकता है| छात्रो का यह भी कहना है कि उन्हें ये अवैध फीस मानसिक दबाब के चलते देनी पड़ी थी और ये दबाब अभी भी कम नहीं हुआ है|