फर्रुखाबाद: सपा सरकार में कानून व्यवस्था खराब होने की दुहाई देनी वाली बीजेपी आज अपनी की सरकार बनने बाद कानून व्यवस्था के मामले में चारो खाने चित्त है| आम जनता को अपराधियों से जूझ रही है| लगातार जनप्रतिनिधियों के परिजनों को ही निशाना बनाना सबाल खड़े करता है| लेकिन अब कोई जनप्रतिनिधि कानून व्यवस्था पर बात करने को तैयार नही है|
बीते 12 दिसम्बर 2016 को बीजेपी के जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह के आवास विकास स्थित निवास का ताला तोड़कर लाखो की चोरी हुई| जिसका आज तक पुलिस खुलासा नही कर पायी| वही 11 मार्च 2017 को सूबे में भगवा सरकार आने के बाद 1 अगस्त 2017 को सांसद मुकेश राजपूत के पुत्र अमित राजपूत को दरोगा मो० आरिफ ने थप्पड़ मार दिया था| जिसके बाद दोनों तरफ से जबाबी मुकदमा दर्ज किये गये | बाद में मामला दबा दिया गया| 24 अगस्त 2017 को सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी के भतीजे प्रशांत द्विवेदी पुत्र प्रभाकर पर मोहल्ले के ही दबंगों ने हमला बोल दिया था| जिसके बाद आरोपियों पर डकैती का मुकदमा दर्ज किया गया| लेकिन दो दिन बाद ही डकैती का मुकदमा लूट में तरमीम कर दिया गया|
इसके बाद 26 सितम्बर 2017 को सांसद के छोटे पुत्र अर्पित राजपूत को उनके सातनपुर आलू मंडी के निकट उनकी गोदाम पर मारपीट कर फायरिंग कर दी थी| जिसके बाद मामले पर मिट्टी डाल दी गयी| जिसके बाद भोजपुर विधायक नागेन्द्र सिंह के आवास के बाहर मारपीट व फायरिंग कानून व्यवस्था का मखौल बना रहे है| लगातार हो रहे बीजेपी नेताओ और जनप्रतिनिधियो की साख पर हमले और कार्यवाही के नाम पर केबल मिट्टी डालना घटनाओं को बढ़ाया देना है|
विधायक नागेन्द्र सिंह राठौर का कहना है कि यह सभी घटनाएँ अलग-अलग है| इनको एक साथ जोड़ने का कोई मतलब नही|