फर्रुखाबाद:(अमृतपुर) जहां देश को डिजिटल करने की पहल जोरों पर है, वहीं बजीरपुर पिथनापुर गाँव में आजादी के 70 वर्षों बाद भी लोग पक्की सड़क बनने के इन्तजार में है। प्रदेश सरकार स्मार्ट सिटी बनने की योजना बना रही है लेकिन यंहा आज भी लोगों के पास खुद के आवास नही है| लेकिन सरकारी अमला कभी निरीक्षण तक के लिये इस मजरे में नही आता| वृद्ध महिलायों जेएनआई टीम से बोली कहा “जिंदगी ढिबरी और लालटेन की रोशनी में कट गयी साहब|
जिला मुख्यालय से 20 किमी दूरी पर विकासखंड राजेपुर की ग्राम सभा पिथनापुर का मजरा बजीरपुर में 300 की जनसंख्या है| जिनमें अभी तक पक्की सड़क का आज तक निर्माण नहीं हो सका। गाँव के राम सिंह बताते है की “जिंदगी का अंतिम पड़ाव है। बहुत से नेता मंत्री गाँव आये और विकास की बात कर गए, पर आज तक कोई अपने वादे पर खरा नही उतरा।”
मजरे की मुख्य सड़क पर मामूली बरसात में भी कीचड़ और पानी भर जाता है। गांव के लोगों को इसी रास्ते से गुजरना पड़ता है। छोटे बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वही कई बुजुर्ग महिलायों ने कहा कि “जिंदगी ढिबरी और लालटेन की रोशनी में कट गयी। जीते जी एक बार गाँव तक सड़क आ जाती तो ख़ुशी रहती कि जो तकलीफ हम लोगों ने देखी है वो कम से कम अब बच्चे न देखें।”गाँव के पात्र लाभार्थी भी पेशन, आवास से बंचित है| देखा जाये तो अभी वर्तमान में प्रधान व सचिव का विवाद भी चल रहा है|
ग्राम प्रधान अर्चना सिंह ने बताया कि 150 मीटर बजीरपुर की सड़क बननी है लेकिन बन नही पा रही है| जिसमे तीन लाख का खर्च आना है| 5 सोलर लाइट, 40 शौचालय आदि बनने है| सचिव आलोक दुबे ने बताया की वह अभी 6 माह पूर्व ही तैनात हुये है| प्रधान उनके साथ तालमेल नही रखती| उन्होंने अपने तबादले के लिये अर्जी दे दी है| जल्द वह हट जायेगे| (बृजकान्त दीक्षित अमृतपुर)