लखनऊ:खाद्य एवं औषधीय प्रशासन का नया पोर्टल लॉन्च होने वाला है। इससे न सिर्फ दवा दुकानों की लाइसेंस प्रक्रिया आसान होगी, वहीं फर्जीवाड़े पर भी शिकंजा कसेगा। ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ-साथ इसमें फार्मासिस्टों को आधार से लिंक कर उन्हें यूनिक आइडी नंबर दिया जाएगा।
सहायक आयुक्त खाद्य औषधीय प्रशासन, लखनऊ मंडल पीके मोदी के मुताबिक विभाग का पोर्टल बनकर तैयार हो गया है। पोर्टल को रन करने के लिए एनआइसी से स्पेस मांगा गया है। पोर्टल लॉन्च होते ही विभाग का पूरा काम ऑनलाइन हो जाएगा। इसमें खासकर फार्मासिस्टों का पंजीकरण आसान होगा। फार्मासिस्ट ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म भर कर डॉक्यूमेंट स्कैन कर अपलोड कर देगा। साथ ही इस बार उसे आधार कार्ड भी लिंक करना होगा। इसके बाद एक बार उसे कार्यालय आकर अपलोड डॉक्यूमेंट की फाइल जमा करनी होगी। इसके बाद फार्मासिस्ट को एक यूनिक नंबर दे दिया जाएगा। ऐसे में उसे पंजीकरण व रिन्यूवल के लिए बार-बार भटकना नहीं पड़ेगा। पोर्टल जनवरी में ही लॉन्च करने का प्लान है।
मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी आसान
पीके मोदी के मुताबिक पोर्टल पर मेडिकल स्टोर की नई लाइसेंस व नवीनीकरण प्रक्रिया भी आसान होगी। दुकानदार आवश्यक सभी दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड कर देगा। यह दस्तावेज ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी चेक करेगा। वहीं ड्रग इंस्पेक्टर मौके पर जाकर निरीक्षण करेगा। वह ऑनलाइन रिपोर्ट इंट्री कर देगा। इसके बाद लाइसेंस निर्गत कर दी जाएगी।
निरीक्षण, कार्रवाई, सब ओपन
पोर्टल पर अधिकारियों के निरीक्षण, संबंधित मिलीं खामियां व उन पर हुई कार्रवाई सब दर्ज होगी। इसमें लाइसेंस निरस्त व उसके कारण भी दर्शाए जाएंगे।
सिटीजन चार्टर होगा लागू
पोर्टल सेवा में सिटीजन चार्टर लागू होगा। हर काम समयगत करना होगा। वहीं ई-फाइलिंग भी की जाएगी। पूरा काम पेपर लेस करने का प्लान बनाया गया है।
यह भी होगा लाभ
आधार से फार्मासिस्ट के लिंक होने पर दुकानदार स्कैन कर फर्जी प्रमाण पत्रों का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। वहीं फार्मासिस्ट भी हेरफेर नहीं कर पाएंगे। ऐसे में बेरोजगार फार्मासिस्टों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। फार्मासिस्ट काउंसिल के चेयरमैन सुनील यादव ने पोर्टल सेवा को बेहद जरूरी बताया।
– राज्य में रजिस्टर्ट फार्मासिस्ट – 76000
– सरकारी सेवा में तैनात-7,500
– हर वर्ष 14 हजार के करीब फार्मासिस्ट करा रहे पंजीकरण
– प्रदेश में कुल मेडिकल स्टोर 1,17,773
– थोक दवा दुकान-41079
– निर्बन्धित दुकान -5151
– फुटकर दुकान-71,543