फर्रुखाबाद: भोर की बेला में मौसम में कोहरे का ऐसा तड़का लगा कि ठंड एकदम से रफ्तार में आ गई। बीते रविवार की शाम 5 बजे से ही हल्की धुंध की शुरुआत के बाद देखते ही देखते वातावरण कोहरे से ढक गया। हालत यह हो गई कि वाहन चालकों को लाइट जलाकर आवागमन करना पड़ा। सुबह जब लोग नववर्ष पर रजाई से निकले तो कोहरे के साथ सर्द हवाओं में ठिठुरन का सामना करना पड़ा|
दिसंबर का अंतिम दिन व जनवरी का पहला दिन ही ठंड का सामना करना पड़ा| सोमबार को कोहरे की आमद से ठिठुरन भरी नववर्ष की शुभकामनाये लोगो ने दी|कोहरे व ठंड ऐसे में सबसे ज्यादा असर आवागमन पर पड़ा। कोहरे के दौरान चौपहिया-दोपहिया यानी सभी वाहन लाइट जलाकर निकले। सर्द हवाओं से काफी देर तक कोहरा छाया रहा। दिन में भी लोग ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों का सहारा लिए रहे| वैसे देखा जाए तो मौसम का मिजाज पिछले दो-तीन दिनों से कुछ बदला-बदला सा नजर आ रहा था। आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रही जिससे जानकार लोग मान रहे थे कि अब ठंड रफ्तार पकड़ सकती है। उधर पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का असर मैदानों में भी दिख रहा है।
भाषण ठण्ड व घने कोहरे के चलते सुबह जल्दी उठने वाले लोग भी नौ बजे के पहे रजाई छोडी | सबसे बुरी दशा रोज कमाने वाले गरीब मजदूरों की है जिन्हें इस हाड़ कंपा देने वाली शीत लहर में ठिठुरना पड़ रहा है। विगत एक सप्ताह से ठण्ड का दौर शुरू हुआ जो निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है। बीते एक सप्ता हसे तो ठण्ड भीषण शीतलहर में तब्दील हो चुकी है। इस भीषण ठण्ड से बचाव के लिये शहर में अभी कई सार्वजनिक महत्व वाले स्थानों पर अभी तक अलाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है। नतीजतन बस स्टैण्ड व जिला अस्पताल जैसी जगहों पर लोग ठिठुरते रहते है। इस शीतलहर का घरेलू कामकाजी महिलाओं की दिनचर्या पर खासा असर पड़ा है, वहीं सरकारी कामकाज भी ठण्ड से प्रभावित हो रहे हैं। बर्फीली हवाओं के तीखे तेवरों का असर मॉर्निंग वॉक के शौकीनों पर भी पड़ा है।