फर्रुखाबाद:(कंपिल)आस्था के नाम पर लोगो को आम समाज से दूर कर अपने आश्रम में रखकर उन्हें अध्यात्मिक ज्ञान देने का दावा करने वाले बाले बाबा वीरेन्द्र देव के आश्रम बाल कल्याण समिति की जाँच में फर्जी निकले| बाल कल्याण समिति ने आश्रम का पंजीकरण ना होने पर आपत्ति की और जाँच रिपोर्ट जिलाधिकारी को देने की तैयारी कर ली|
सोमबार को बाबा वीरेन्द्र देव दीक्षित के कंपिल आश्रम पर न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष संजीब गंगवार, ज्योती शर्मा
हिमांशी गंगवार, रेखा शर्मा के साथ पंहुचे| जंहा उन्होंने कई घंटे पूंछतांछ की| उन्हें हरियाणा का एक बीटेक युवक अध्यात्मिक ज्ञान लेते मिला| आश्रम में 28 महिलाए मिली। ज्यादातर महिलाएं दक्षिण भारत की थी। बाबा के आश्रम में आस्था रखने वाले सेवादारों का मानना है कि इस आध्यात्मिक ज्ञान से वह नर से नारायण,नारायण से लक्ष्मी बनकर दिखायेंगे। यह 50 बर्षों में पूरा हो पायेगा। और यह भी बताया कि 25000 लोग इस आध्यात्मिक से अपने तन मन धन से जुड़े हुए हैं। बाहरी किसी भी ब्यक्ति से कोई सहयोग नहीं लिया जाता है।
न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष संजीब गंगवार ने जब सेवादारों से जब अध्यात्मिक विश्व विधालय का पंजीकरण माँगा तो वह नही दिखा सके| उन्हें बिना रजिस्ट्रेशन के इतना बड़ा आध्यात्मिक विश्वविद्यालय बर्षों से चलता मिला| बालकल्याण समिति के अध्यक्ष संजीव गंगवार ने बताया कि बिना पंजीकरण के अध्यात्मिक विश्व विधालय नही चलाया जा सकता| इसकी पूरी जाँच रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी जायेगी| वह सेवादारों के वयान से संतुष्ट दिखे|