रामपुर: उच्च न्यायालय ने गोरखपुर के जिलाधिकारी राजीव रौतेला और कानपुर देहात के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। रामपुर में तैनाती के दौरान दोनों पर अवैध खनन रोकने के लिए हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन न कराने का आरोप है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई कर शासन के मुख्य सचिव को दोनों के पर कार्रवाई का आदेश दिया। साथ ही पूरे मामले की जांच कराकर अन्य दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने को कहा गया है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दिलीप बी भोसले और न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने तीन दिन लगातार सुनवाई के सात दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था बुधवार को फैसला आने पर इसकी जानकारी मिली।
उल्लेखनीय है कि रामपुर जिले के दढिय़ाल निवासी मकसूद ने दो साल पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रशासन की शह पर अवैध खनन कराए जाने की शिकायत की थी। तब हाईकोर्ट ने 24 अगस्त 2015 को प्रशासन को कार्रवाई के आदेश दिए थे। याचिका में हुसैन क्रेशर के मालिक गुलाम हुसैन नन्हे पर अवैध खनन करने का आरोप लगाया था। कोर्ट में शिकायत करने पर मकसूद पर हमला भी हुआ था। उस समय जिलाधिकारी राकेश कुमार थे। उन्होंने स्टोन क्रेशर पर कार्रवाई करते हुए सीज कर दिया था, लेकिन इनके बाद जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने स्टोन क्रेशर का नवीनीकरण कर दिया। इससे क्षुब्ध होकर मकसूद फिर हाईकोर्ट पहुंच गए और अवैध खनन जारी रहने का आरोप लगाते हुए प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। इस पर हाईकोर्ट ने वर्तमान जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी को तलब कर लिया। लगातार तीन दिन पांच से सात दिसंबर तक कोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान जिलाधिकारी भी कोर्ट में मौजूद रहे।
कोर्ट ने कानपुर देहात के डीएम राकेश कुमार को भी सात दिसंबर को तलब किया। सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब अफसरों को फैसले की जानकारी नहीं हो सकी थी लेकिन बुधवार को इसकी जानकारी जिलाधिकारी को भी मिल गई। रामपुर के जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने बताया कि हमने स्टोन क्रेशर पर कड़ी कार्रवाई की। साथ ही इसके संचालकों पर गैंगस्टर और गुंडा एक्ट भी लगाया लेकिन, कोर्ट यहां जिलाधिकारी रहे राकेश कुमार और राजीव रौतेला द्वारा की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुआ। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दिलीप बी भोसले और न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने सात दिसंबर को दिए फैसले में राजीव रौतेला और राकेश कुमार पर कार्रवाई के आदेश प्रदेश के मुख्य सचिव को दिए हैं। साथ ही मामले की पूरी जांच कराकर दोषी पाए जाने पर अन्य अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है।