लखनऊ:निकाय चुनाव में पार्टी लाइन से अलग होकर चुनावी मुहिम को प्रभावित करने और भितरघात करने वालों पर भाजपा की भृकुटी तन गई है। शुरुआती दौर में विद्रोहियों और संदिग्धों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी थी, लेकिन अब फार्मूला बदल गया है। भितरघाती चिह्नित किये जा रहे हैं। ऐसे लोग चाहे कितने प्रभावी और ताकतवर क्यों न हों, भाजपा उन्हें लाभ से वंचित करेगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने संगठन में अनुशासन और समर्पण को प्राथमिकता दी है। उन्होंने दगा करने वालों को सबक सिखाने का मन बना लिया है। पहले चरण में पांच नगर निगम, 71 नगर पालिका परिषद और 154 नगर पंचायतों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इन निकायों में भाजपा उम्मीदवारों के साथ भितरघात करने वालों की सूची बन रही है। विद्रोह करने वाले तो पहले ही किनारे हो गए हैं। दल छोड़कर कुछ निर्दल और कुछ दूसरे दल से चुनाव लड़े लेकिन,
जिन लोगों ने पार्टी उम्मीदवार को हराने और दूसरों को जिताने की अंदरखाने मुहिम शुरू की है, वह निशाने पर हैं। भाजपा में ऐसे लोगों का भविष्य अधर में है। इनमें जिले और मंडल स्तर के कई प्रभावी नेता भी शामिल हैं। संगठन से इनकी सूची बन रही है। चुनाव बाद संगठन से लेकर सरकार में निष्ठावान कार्यकर्ताओं का समायोजन होना है। ऐसे लोग न तो संगठन में कोई अवसर पाएंगे और न ही उन्हें निगम या किसी आयोग में मौका मिलेगा।
दूसरे और तीसरे चरण की चल रही पड़ताल
भाजपा नियंताओं ने दूसरे और तीसरे चरण पर निगाह टिका दी है। चुनाव मैदान में किस नेता की क्या भूमिका है और कौन अधिकृत उम्मीदवार को क्षति पहुंचाने में लगा है, उनका भी ब्योरा तैयार हो रहा है। निकाय चुनाव प्रभारी और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर का कहना है कि जो पार्टी के कार्य में सहयोग नहीं करेंगे, उन्हें भविष्य में कोई महत्व नहीं मिलेगा। संगठन में कहीं भी समायोजन नहीं होगा।