फर्रुखाबाद:(मेरापुर) प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग को दुरुस्त करने के लाख दावे करे लेकिन जमीनी हकीकत उससे जाने जो दर्द से कराह रहा है| जिसे दवा की जरूरत है और दवा नही मिलती| लेकिन अफसर जानबुझाकर अपनी आँखों पर पट्टी बांधकर ओके की रिपोर्ट कागजों में शासन को भेजते रहते है|
यह कुछ हाल है अचरिया बाकरपुर मे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का| जंहा हालत इतने खराब है कि चिकित्सक 11 बजे तक अक्सर नजर नही आते| मरीज इधर-उधर उनकी तलाश में रहते है| एक फार्मासिस्ट विनीत पाण्डेय व एनए धीरेन्द्रप्रताप की तैनाती है।धीरेन्द्र ने बताया की उसकी डयूटी फाइलेरिया मे लगी है। अस्पताल लगभग 20 गाँवो के बासिंदों को इलाज के लिये बनाया गया है|
लाखो रूपये जनता के सरकार ने इस लिये खर्च किये की जनता को बीमारी पर समुचित उपचार मिले| लेकिन अस्पताल खुद बीमार है| अस्पताल की स्टोर की खिड़की टूटी है।जिससे दवा बाहर से दिखाई देती है।मजे की बात दवा का जिम्मेदार विभाग मे नौकरी करने के बाद भी लापरवाही प्रशासन की अनदेखी नजर आ रही है।सीएमओ उमाकांत पाण्डेय ने बताया की जाँच करायी जायेगी| (रिपोर्ट-ज्ञानेंद्र यादव मेरापुर)