फर्रुखाबाद: भ्रष्टाचार की भेट चढ़ चुका सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जड़े बहुत गहरी है| गरीबो को बटने वाला खाद्यान जिला मुख्खालय के गोदाम से ही बिक जाता है ये खुलासा तब हुआ जब एक कोटेदार के गोदाम की पड़ताल में मामला फसा| शक के आधार पर एसडीएम अनिल धींगरा ने फर्रुखाबाद के मार्केटिंग विभाग की एक गोदाम सील कर उसकी जाँच करायी| एसडीएम रविन्द्र कुमार ने बताया की दस्तावेजो में दर्ज खाद्यान में भरी गड़बड़ी आई गयी| स्टाक में 424 बोरी गेंहू कम निकला तो वहीँ चावल 368 बोरी अधिक निकला| गोदाम के वितरण रजिस्टर के मुताबिक 54 लीटर पामोलीन तेल कम निकला तो वहीँ स्टाक रजिस्टर के मुताबिक चीनी 5 बोरा कम निकली| मामले की जाँच कर रिपोर्ट को कारवाई के लिए जिलाधिकारी को भेजा गया|
खबर है कि इस जनपद में इस खाद्यान घोटाले में जिला पूर्ति कार्यालय के कर्मियों के दामन भी बेदाग़ नहीं है| मार्केटिंग विभाग के डिप्टी रीजनल मार्केटिंग अफसर यादराम पर पहले भी घोटालो के आरोप लगते रहे है मगर आरोपों की जाँच करने वाले अफसर घोटाले पर कारवाही करने की जगह अपना हिस्सा बटोरते रहे|
सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि जनपद में सबसे बड़ा खाद्यान घोटाला कमालगंज और मोहम्दाबाद ब्लाक में होता है| यहाँ के गोदाम भी राशन का कारोबार करने वालों के और राजनैतिक लोगो के है| गरीबो का खाद्यान घोटाला करने वाले घोटाले का राशन फर्रुखाबाद तक केवल कागजो पर पहुचाते है और असल में माल इटावा और कानपुर के गोदामों से यहाँ आता ही नहीं है| हर माह 23 तारीख से लेकर 30 तारीख तक केवल आंकड़े भिडाने का काम होता है| ये राशन माफिया हमेशा सरकार के साथ रहते है| सरकार बदलते ही इनके दल बदल जाते है और सत्ता का संरक्षण हासिल कर गरीबो का हक लूटने लगते है|